एक श्रृंखला जो आपको इतिहास के सबसे क्रूर तानाशाहों के जीवन और समय में ले जाती है
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*कहानीनामा( Hindi stories), *स्वकथा(Autobiography) *कवितानामा(Hindi poetry) ,*शायरीनामा(Urdu poetry) ★"The Great" Filmi show (based on Hindi film personalities) मशहूर कलमकारों द्वारा लिखी गयी कहानी, कविता,शायरी का वाचन व संरक्षण ★फिल्मकारों की जीवनगाथा ★स्वास्थ्य संजीवनी
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राजीव दीक्षित जी को शब्दो में बयान नहीं किया जा सकता !! उन्हें जानने के लिए उनके mp3 देखे ! उनके विचारो को समझे ! उसके बाद आप भी यही कहेंगे की राजीव दीक्षित जी को शब्दो में बयान नहीं किया जा सकता है !! राजीव भाई के सभी mp3 औडियो आप यहाँ सुन सकते हो
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This Is The 1st Episode Of My Poadcast Channel , Here You Get Many Valuable And Knowledgeable Information Who Change Your Life Your Mindset. here You Lern How To Be A Motivated All Time So Connecting With Me And Make Your Life As You Wish. You Can Also Find Us On Instagram As a :Mr. hind Official, On Fb:Prashant Joshi On Google Mr. hind Creation . Thanks My All Lovely Audience Thanks A Lot
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"The Great" Filmi Show "KEDAR SHARMA"
12:05
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12:05केदार शर्मा हिंदी फिल्म जगत की नीव का पत्थर कहे जाते हैं। मूक फिल्मों के दौर से लेकर सन 1990 दशक तक हिंदी सिनेमा के हर दौर के साक्षी रहे केदार शर्मा फिल्मों के हर पक्ष के जानकार थे। अभिनेता ,फिल्म निर्माता- निर्देशक लेखक और गीतकार केदार शर्मा बहुमुखी प्रतिभा के धनी फनकार हुए हैं। केदार शर्मा पर केंद्रित "द ग्रेट" फ़िल्मी शो के इस अंक में आप केदार शर…
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तल्ख़ कर दी है ज़िंदगी जिस ने कितनी मीठी ज़बान है प्यारे, जंग छिड़ जाए हम अगर कह दें ये हमारी ज़बान है प्यारे
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what's up Zindagi में हैं छोटी छोटी कहानियां, वो कहानियां जो शेयर की जाती हैं सोशल मीडिया के बड़े बड़े प्लेटफ़ॉर्म पर,वो कहानियां जो शेयर की जाती हैं व्हाट्सएप पर।ये कहानियां कहां से आती हैं , इन्हे किसने लिखा है इस बारे में कुछ भी ज्ञात नहीं है।यदि लेखक का पता चले तो प्रमाण सहित मेल करें,लेखक को क्रेडिट दिया जाएगा।......कहानी वाली कुड़ी sukhnandan…
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रसीदी टिकट epi-24 (Rasidi Ticket ,Amrita Pritam's biography part 24)
8:36
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8:36एक उड़ता हुआ कबूतर आया और उसने मेरी गोद में शरण ली। देख उसके पीछे एक बाज भी था,और वह मुझसे कबूतर को मांग रहा था। बाज ने कहा ,'अगर कबूतर नहीं देती तो अपने बदन का मांस तोल कर दे दे।' मेरी सारी रचनाएँ ,क्या कविता और क्या कहानी और क्या उपन्यास ,मैं जानती हूँ ,एक नाजायज़ बच्चे की तरह हैं मेरी दुनिया की हक़ीक़त ने मेरे मन के सपने से इश्क़ किया और उनके वर्जित …
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रसीदी टिकट Epi-23 (Rasidi Ticket,Amrita Pritam's Biography part -23)
9:58
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9:58एक कटोरी धूप को मैं एक घूँट में ही पी लूँ और एक टुकड़ा धूप का मैं अपनी कोख में रख लूँ ..... और सूरज से धारण किए गर्भ में से सूरज के पैदा होने तक यह ज़िक्र पहुंचा ..... कोठरी दर कोठरी मैं रोज़ सूरज को जन्म देती ......... ------रसीदी टिकट पृष्ठ संख्या १०८
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रसीदी टिकट Epi -22 (Rasidi Ticket ,Amrita pritam's Biography part-22)
11:21
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11:21'ओन' सूरज का एक नाम था ,इसी लिए फ़िनिशियन्स ने जब यूरोप में एक नयी धरती की खोज की ,उसका नाम ऐल -ओन-डोन रखा ,जो आज लन्दन हैं। इंग्लैंड की जड़ें हिब्रू भाषा में हैं। बैल के लिए हिब्रू भाषा में 'ऐंगल' शब्द हैं। नई खोजी हुई धरती को उन्होंने ऐंगल-लैंड का नाम दिया ,जो आज इंग्लैंड है। नींद के होठों से जैसे सपने की महक आती है पहली किरण रात के माथे पर तिलक लग…
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रसीदी टिकट Epi -21 (Rasidi Ticket ,Amrita pritam's Biography part-21)
16:22
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16:221975 में मेरे उपन्यास "सागर और सीपियाँ के आधार पर जब 'कादम्बरी' फिल्म बन रही थी तो उसके डायरेक्टर ने मुझसे फिल्म का गीत लिखने के लिए कहा। ... जब मैं गीत लिखने लगी तो अचानक वह गीत सामने आ गया ,जो मैंने 1960 में इमरोज़ से पहली बार मिलने पर अपने मन की दशा के बारे में लिखा था। ..... तब मुझे लगा जैसे चेतना के रूप में मैं पन्द्रह बरस पहले की वह घड़ी फिर से…
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रसीदी टिकट -Epi-20 (Rasidi ticket, Amrita Pritam's biography part 20
14:30
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14:30एकाग्र मन हो कर इश्वर से कहा था कि 'मेरी माँ को मत मारो' विश्वास हो गया था कि अब मेरी माँ की मृत्यु नहीं होगी ,क्योंकि ईशवर बच्चों का कहा नहीं टालता ,पर माँ की मृत्यु हो गयी दो औरतें हैं ,जिनमें एक औरत शाहनी है और दूसरी एक वेश्या ,शाह की रखेल............. उस समय मैं भी वहां थी ,जब यह पता चला कि लाहौर की प्रसिद्ध गायिका तमंचा जान वहां आ रही है। वह आ…
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रसीदी टिकट Epi --19 (Rasidi Ticket ,Amrita pritam's Biography)
10:55
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10:55मैं जब रोमानिया से बल्गारिया जा रही थी ,रात बहुत ठंडी थी ,पास में अपने कोट के सिवाय कुछ नहीं था ,वही घुटने जोड़ कर ऊपर तान लिया था ,फिर भी जब उसे सर करर और खींचती थी ,तो पैरों में ठिठुरन लगती थी। न जाने कब मुझे नींद आ गयी। लगा ,सारे शरीर में गर्मी आ गयी हैं। बाकी रात खूब गर्माइश में सोती रही ....... नायक को जानती हूँ ,उस दिन से ,जिस दिन उसे साधुओं क…
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रसीदी टिकट ,भाग-18 Rasidi Ticket,Amrita pritams's Biography,EPI-18)
12:42
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12:42यह मेरी ज़िन्दगी में पहला समय था, जब मैंने जाना कि दुनिया में मेरा भी कोइ दोस्त है, हर हाल में दोस्त ,और पहली बार जाना कि कविता केवल इश्क़ के तूफ़ान से ही नहीं निकलती ,यह दोस्ती के शांत पानियों में से भी तैरती हुई आ सकती है। उस रात को उसने नज़्म लिखी थी --"मेरे साथी ख़ाली जाम ,तुम आबाद घरों के वासी ,हम हैं आवारा बदनाम "..... और ये नज़्म उसने मुझे रात को …
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रसीदी टिकट, भाग -17 (Rasidi Ticket ,Amrita Pritam's biography,epi-17)
10:37
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10:37.गर्मी हो या सर्दी मैं बहुत से कपडे पहन कर नहीं सो सकती। सो रही थी ,जब यह फोन आया था। उसी तरह रजाई से निकल कर फोन तक आयी थी। लगा ,शरीर का मांस पिघल कर रूह में मिल गया है ,और मैं प्योर नेकेड सोल वहां खड़ी हूँ....... उस रेतीले स्थान पर दो तम्बू लगे हुए थे। मेरी आँखों के सामने तम्बू के अंदर का दृश्य फ़ैल गया। मैं देखता हूँ कि इसमें एक पुरुष है जिसे मैं …
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रसीदी टिकट -भाग -16 (Rasidi ticket, Amrita pritam's biography, epi-16)
11:28
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11:28समरकंद में मैंने भी ऐसी ही बात वहां के लोगों से पूछी थी कि आपका इज़्ज़त बेग़ जब हमारे देश आया और उसने एक सुन्दर कुम्हारन से प्रेम किया ,तो हमने में कई गीत लिखे। क्या आपके देश में भी उसके गीत हैं ? तो वहां एक प्यारी सी औरत ने जवाब दिया ,हमारे देश में तो एक अमीर सौदागर का बेटा था ,और कुछ नहीं। प्रेमी तो वह आपके देश जाकर बना ,सो गीत आपको ही लिखने थे ,हम …
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रसीदी टिकट -भाग -15 (Rasidi ticket,Amrita pritam's biography ,epi--15)
11:42
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11:42इथोपिया के प्रिंस का मन छलक उठा "आप कवि लोग भाग्यशाली हैं वास्तविक संसार नहीं बसता तो कल्पना का संसार बसा लेते हैं ,मैं बीस बरस वॉयलान बजाता रहा ,साज़ के तारों से मुझे इश्क़ है ,पर युद्ध के दिनों में मेरे दाहिने हाथ में गोली लग गयी थी ,अब मैं वॉयलान नहीं बजा सकता ,संगीत जैसे मेरी छाती में जम गया है। .... इतिहास चुप है। ..... मैं भी कल से चुप हूँ। ...…
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रसीदी टिकट --भाग 14 (Rasidi Ticket ,Amrita Pritam's biography epi-14
10:52
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10:52टॉलस्टॉय की एक सफ़ेद कमीज़ टंगी हुई है। पलंग की पट्टी पर मैं एक हाथ रखे खड़ी थी कि ....... दाहिने हाथ की खिड़की से हल्की सी हवा आयी ..... और ुउस टंगी हुई कमीज की बांह मेरी बांह से छू गयी ..... एक पल के लिए जैसे समय की सूईयाँ पीछे लौट गयीं , 1966 से 1910 पर आ गयीं और मैंने देखा शरीर पर सफ़ेद कमीज पहन कर वहां दीवार के पास टॉलस्टॉय खड़े हैं। .... फिर लहू की…
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रसीदी टिकट --भाग 13 (Rasidi Ticket , Amrita pritam's biography epi--13)
10:25
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10:25अजीब अकेलेपन का एहसास है। हवाई जहाज़ की खिड़की से बाहर देखते हुए अच्छा लगता है ,जैसे किसी ने आसमान को फाड़कर उसके दो भाग कर दिए हों। प्रतीत होता है -- फटे हुए आसमान का एक भाग मैंने नीचे बिछा लिया है ,और दूसरा अपने ऊपर ओढ़ लिया है सोफ़िया के हवाई अड्डे पर बिलकुल अजनबी सी खड़ी हूँ। अचानक किसी ने लाल फूलों का गुच्छा हाथ में पकड़ा दिया है ,और साथ ही पूछा है ,…
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"रसीदी टिकट"-- भाग 12 ("Rasidi Ticket" Amrita pritam's biography part -12)
12:54
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12:54हमने आज ये दुनियां बेची .... और दीन खरीद लाये ... बात क़ुफ़्र की ,की है हमने ... सपनों का इक थान बुना था.... गज़ एक कपड़ा फ़ाड़ लिया ... और उम्र की चोली सी ली हमने .... अंबर की इक पाक सुराही ... बादल का इक जाम उठाकर ... घूँट चांदनी पी है हमने ....हमने आज ये दुनिया बेची। ........ मैं औरत थी चाहे बच्ची सी और ये ख़ौफ़ विरासत में पाया था कि दुनिया के भयानक जंग…
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छोटी-छोटी कहानियां, वो कहानियां जो हम पढ़ते है सोशल मीडिया के बड़े बड़े प्लेटफ़ॉर्मस पर, छोटी छोटी कहानियां हमारे जीवन का आईना होती हैं ,इनमें हमारा अक्स दिखता है। छोटी छोटी कहानियां हमें बड़ी बड़ी सीख दी जाती हैं। सुनिये छोटी सी कहानी "खुशियों भरी पासबुक"
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स्वकथा - "रसीदी टिकट" -- भाग 11 ( "Rasidi Ticket" Amrita pritam's biography part- 11)
12:40
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12:40एक सपना और था जिसने मेरी उठती जवानी को अपने धागों में लपेट लिया था। हर तीसरी या चौथी रात देखती थी कोइ दो मंज़िला मकान है, वो बिलकुल अकेला ,आसपास कोइ बस्ती नहीं ,चारो ओर जंगल है और जहाँ वो मकान है उसके एक तरफ नदी बहती है...... नदी की ओर उस मकान की दूसरी मंज़िल की एक खिड़की खुलती है। जहाँ कोई खड़ा खिड़की से बाहर जंगल के पेड़ों व नदी को देख रहा है। मुझे सिर…
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जानिये हिटलर के बचपन और आर्मी अफसर से तानाशाह बनने की कहानी |द्वारा Earshot Media
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क्या वास्तव में ईदी अमीन नरभक्षी था, जानिये तानाशाह के इस एपिसोड में ।द्वारा Earshot Media
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कैसे पोल पॉट के नेतृत्व में ख़मेर रूज के शासन के दौरान सैकड़ों लोग रोज़ मौत के मुंह में जा रहे थे, जानिये इस एपिसोड में!द्वारा Earshot Media
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एक ऐसा तानाशाह जिसने केवल चार साल के शासनकाल में बीस लाख लोगों को मौत के घाट उतार दिया, सुनिए तानाशाह पोल पॉट की कहानी |द्वारा Earshot Media
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जानिए माओ ज़ेदोंग की द ग्रेट लीप फॉरवर्ड योजना ने कैसे चीन को महाशक्ति बनाने के बजाय बरसों पीछे धकेल दिया.द्वारा Earshot Media
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तानाशाह के इस एपिसोड में सुनिए चाईनीज़ कम्युनिस्ट लीडर माओ ज़ेदोंग के बारे में जिनकी ख़राब पॉलिसीज की वजह से लाखों लोग मौत का शिकार हो गए.द्वारा Earshot Media
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Episode 14 - मुअम्मर गद्दाफ़ी (Part 1)
10:26
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10:26कैसे एक हैंडसम सैन्य अफसर बन गया दुनिया के सबसे दुष्ट तानाशाहों में से एक, जानिए इस एपिसोड में!द्वारा Earshot Media
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Episode 15 - मुअम्मर गद्दाफ़ी (Part 2)
9:42
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9:42लीबिया पर चार दशक तक शासन करने वाले मुअम्मर अल-गद्दाफ़ी का पतन कैसे हुआ? सुनिए तानाशाह के इस एपिसोड में!द्वारा Earshot Media
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Episode 13 - सद्दाम हुसैन (Part 2)
12:43
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12:43सद्दाम के बड़े बेटे उदय हुसैन की क्रूरता के किस्सों के आगे सद्दाम फरिश्ता जान पड़ेगा। कहते हैं उदय की क्रूरता से एक बार सद्दाम खुद भी शर्मिंदा हो गया था ऐसा क्या हुआ था सुनिए पूरी कहानी इस एपिसोड में ।द्वारा Earshot Media
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Episode 12 - सद्दाम हुसैन (Part 1)
12:42
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12:42कैसे बना एक आम लड़का इराक जैसे मुल्क का सबसे बड़ा तानाशाहद्वारा Earshot Media
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सनकी तानाशाह के राज्य में अगर किसी के पास बाइबल मिलती है तो उससे मौत के घाट उतार दिया जाता है, जानिए पूरी कहानी इस एपिसोड में ।द्वारा Earshot Media
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कैसे बना किम जोंग उन नार्थ कोरिया का सुप्रीम लीडर ? जानिए इसके पीछे का राज़ इस एपिसोड में |द्वारा Earshot Media
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तानाशाह जोसेफ़ स्टालिन एक ऐसा पिता था जिसने अपने परिवार तक को नहीं बख़्शा, सुनिए पूरी कहानी इस एपिसोड में |द्वारा Earshot Media
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Episode 8 - जोसेफ़ स्टालिन (Part 1)
10:54
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10:54व्लादिमीर लेनिन की मौत के बाद कैसे जोसेफ़ स्टालिन ने कम्युनिस्ट पार्टी में अपनी पकड़ मज़बूत की और बन गया तानाशाह, सुनिए पूरी कहानी इस एपिसोड में |द्वारा Earshot Media
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क्यों छिपाई बेनितो मुसोलिनी ने अपनी पहचान सुनिए तानाशाह मुसोलिनी की पूरी जीवनी ।द्वारा Earshot Media
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जानिए तानाशाह किम जोंग इल का सेलिब्रिटी कनेक्शन और उसकी मौत का रहस्य |द्वारा Earshot Media
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जानिए नार्थ कोरिया के पूर्व तानाशाह किम जोंग इल की कहानी जिसने पूरे नार्थ कोरिया को आतंकित कर दिया |द्वारा Earshot Media
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जानिये कैसे तानाशाह हिटलर ने पोलिटिकल पार्टी की अंदरूनी भेदभाव और कमज़ोरी का फ़ायदा उठाया और 1935 में अपनी नई कानून को लागु कर राज करने लगा |द्वारा Earshot Media
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जनता की बदहाली और आर्मी में असंतोष का कैसे उठाया हिटलर ने फायदा और बन गया दुनिया का सबसे बड़ा तानाशाह |द्वारा Earshot Media
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स्वकथा --"रसीदी टिकट" भाग -10 (Amrita Pritam's biography epi-10)
16:37
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16:37महारानी एलिज़ाबेथ जिस युवक से मन ही मन प्यार करती हैं ,उसे जब समुद्री जहाज़ देकर काम सौंपती हैं ,तो दूरबीन लगाकर जाते हुए जहाज़ को देखकर परेशान हो जाती हैं । देखती हैं कि नौजवान प्रेमिका भी जहाज़ पर उसके साथ है। वे दोनों डैक पर खड़े हैं ,उस समय महारानी को परेशान देखकर उसका एक शुभचिंतक कहता है ,'मैडम ! लुक ए बिट हायर !' ऊपर ,उस नवयुवक और उसकी प्रेमिका के…
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स्वकथा--"रसीदी टिकट" भाग-9 ( Rasidi ticket, Amrita pritam's biography epi-9)
10:35
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10:35किसी बहुत ऊंची ईमारत के शिखर पर मैं अकेले खड़े हो कर अपने हाथ में लिए हुए कलम से बातें कर रही थी --- 'तुम मेरा साथ दोगे ? --कितने समय मेरा साथ दोगे ?'अचानक किसी ने कसकर मेरा हाथ पकड़ लिया। 'तुम छलावा हो ,मेरा हाथ छोड़ दो।' मैंने कहा , और ज़ोर से अपना हाथ छुड़ाकर उस ईमारत की सीढ़ियां उतरने लगी। मैं बड़ी तेज़ी से उतर रही थी , पर सीढ़ियां ख़त्म होने में नहीं आत…
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स्वकथा--"रसीदी टिकट" भाग -8 (Rasidi ticket ,Amrita pritam's biography,epi -8 )
9:23
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9:23कहते हैं एक औरत थी। उसने बड़े सच्चे मन से किसी से मोहब्बत की। एक बार उसके प्रेमी ने उसके बालों में लाल गुलाब का फूल अटका दिया। तब औरत ने मोहब्बत के बड़े प्यारे गीत लिखे। 'वह मोहब्बत परवान नहीं चढ़ी। उस औरत ने अपनी ज़िंदगी समाज के गलत मूल्यों पर न्योछावर कर दी। एक असहाय पीड़ा उसके दिल में घर कर गयी,और वह सारी उम्र अपनी कलम को उस पीड़ा में डुबो कर गीत लिखत…
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स्वकथा -"रसीदी टिकट" भाग -7 ("Rasidi Ticket",Amrita Pritam's biography, epi-7)
15:56
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15:56लाहौर में जब कभी साहिर मिलने के लिए आता था ,तो जैसे मेरी ही ख़ामोशी में से निकला हुआ खामोशी का एक टुकड़ा कुर्सी पर बैठता था और चला जाता था..... वह चुपचाप सिगरेट पीता रहता था ,कोई आधी सिगरेट पी कर राखदानी में बुझा देता था ,फिर नयी सिगरेट सुलगा लेता था ,और उसके जाने के बाद केवल सिगरटों के बड़े -बड़े टुकड़े कमरे में रह जाते थे। कभी ... एक बार उसके हाथ को छ…
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स्वाकथा - "रसीदी टिकट" भाग - 6 ( "Rasidi Ticket" ,Amrita Pritam's biography ,epi-6)
9:52
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9:52दुखों की कहानियां कह -कहकर लोग थक गए थे ,पर ये कहानियां उम्र से पहले ख़त्म होने वाली नहीं थीं। मैंने लाशें देखी थीं ,लाशों जैसे लोग देखे थे ,और जब लाहौर से आकर देहरादून में पनाह ली ,तब नौकरी की और दिल्ली में रहने के लिए जगह की तलाश में दिल्ली आयी ,और जब वापसी का सफर कर रही थी ,तो चलती हुई गाड़ी में ,नींद आंखों के पास नहीं फाटक रही थी..... गाड़ी के बाह…
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स्वकथा -"रसीदी टिकट" भाग- 5 ("Rasidi Ticket", Amrita Pritam's biography epi-5)
11:44
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11:44एक लंबा और सांवला सा साया था ,जब मैंने चलना सीखा ,तो मेरे साथ साथ चलने लगा। एक दिन वो आया ,तो उसके हाथ में एक काग़ज़ था ,उसकी नज़्म का। उसने नज़्म पढ़ी और वो काग़ज़ मुझे देते हुए जाने क्यों उसने कहा --" इस नज़्म में जिस जगह का ज़िक्र है ,वो जगह मैंने कभी देखी नहीं, और नज़्म में जिस लड़की का ज़िक्र है , वो लड़की कोइ और नहीं....." मैं काग़ज़ लौटाने लगी ,तो उसने कहा…
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"वह लड़की" --सआदत हसन मंटो लिखित कहानी
12:33
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12:33सुरेंद्र दिल ही दिल में बहुत ख़फ़ीफ़ हो रहा था,उसने एक बार बुलंद आवाज़ में उस लड़की को पुकारा ,"ए लड़की !" लड़की ने फिर भी उसकी तरफ न देखा. झुंझला कर उसने अपना मलमल का कुरता पहना और नीचे उतरा।जब उस लड़की के पास पहुंचा तो वो उसी तरह अपनी नंगी पिंडली खुजला रही थी. सुरेंद्र उसके पास खड़ा हो गया। लड़की ने एक नज़र उसकी तरफ देखा और सलवार नीची करके अपनी पिंडली ढांप …
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स्वकथा-"रसीदी टिकट"भाग-4("Rasidi Ticket",Amrita pritam's biography epi-4)
8:06
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8:06ख़ुदा की जिस साज़िश ने यह सोलहवां वर्ष किसी अप्सरा की तरह भेज कर मेरे बचपन की समाधि भंग की थी, उस साज़िश की मैं ऋणी हूँ,क्योंकि उस साज़िश का संबंध केवल एक वर्ष से नहीं था, मेरी सारी उम्र से है।----अमृता प्रीतम,{रसीदी टिकट,---पाठ-6 ,सोलहवाँ साल
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स्वकथा -"रसीदी टिकट" भाग- 3 ("Rasidi Ticket", Amrita Pritam's biography epi-3)
7:01
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7:01बाहर जब शारीरिक तौर पर मेरी बचकानी उम्र उनके पितृ -अधिकार से टक्कर न ले सकती ,तब मैं आलथी -पालथी मार के बैठ जाती ,आँखें मीच लेती ,पर अपनी हार को अपने मन का रोष बना लेती ---'आँख मीच कर अगर मैं ईश्वर का चिंतन न करूँ ,तो पिता जी मेरा क्या कर लेंगे ? जिस इश्वर ने मेरी वह बात नहीं सुनी,अब मैं उससे कोई बात नहीं करूंगी। उसके रूप का भी चिंतन नहीं करूंगी। अ…
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स्वकथा -"रसीदी टिकट" भाग- 2 ("Rasidi Ticket", Amrita Pritam's biography epi-2)
6:12
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6:12ये एक वह पल है .... ...... रसोई में नानी का राज होता था ,सबसे पहला विद्रोह मैंने उसी के राज में किया ........ न नानी जानती थी न मैं , की बड़े होकर ज़िन्दगी के कई बरस जिससे मैं इश्क़ करुँगी वह उसी मज़हब का होगा ,जिस मज़हब के लोगों के लिए घर के बर्तन भी अलग रख दिए जाते थे ------अमृता प्रीतम ,रसीदी टिकट (पाठ -३ )…
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स्वकथा -"रसीदी टिकट" भाग- 1 ("Rasidi Ticket", Amrita Pritam's biography epi-1)
7:30
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7:30क्या ये क़यामत का दिन है ? ..... ज़िन्दगी के कई पल जो वक़्त की कोख से जन्मे ,और वक़्त की क़ब्र में गिर गए ,आज मेरे सामने खड़े हैं ⋯ये सब क़ब्रें कैसे खुल गईं ?..... और ये सब पल जीते जागते क़ब्रों में से कैसे निकल आये ? .... ये ज़रूर क़यामत का दिन है ..... ये 1918 की क़ब्र में से निकला एक पल है -----मेरे अस्तित्व से भी एक बरस पहले का। आज पहली बार देख रही हूँ ,…
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स्वकथा-रसीदी टिकट ( Rasidi Ticket - Amrita Pritam's biography)
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1:14ज़िन्दगी जाने कैसी किताब है......जिसकी इबारत अक्षर-अक्षर बनती है ..... ,और फिर अक्षर-अक्षर टूटती . .बिखरती.. और बदलती है .... और चेतना की एक लम्बी यात्रा के बाद एक मुकाम आता है ,जब अपनी ज़िंदगी के बीते हुए काल का .. उस काल के हर- हादसे का . .. उसकी हर सुबह की निराशा का .. उसकी हर दोपहर की बेचैनी का ... उसकी हर संध्या की उदासीनता का ... और उसकी जागती …
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स्वकथा-रसीदी टिकट ( Rasidi Ticket - Amrita Pritam's biography)
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1:01पंजाबी व हिंदी भाषा की सशक्त लेखिका व कवियत्री अमृता प्रीतम की आत्मकथा पाठक व श्रोता को उस दुनिया में विचरण कराती है जहाँ सपनों का काल्पनिक संसार मूर्त रूप में घटित होता है। उनका ये संसार किसी को बंधक नहीं बनाता बल्कि विश्वास की डोर थाम कर मुक्ति का मार्ग दिखाता है। अंतरात्मा के लिए ये मुक्ति जितनी सहज और सरल है उतनी कठिन भी है ,जितनी सामाजिक है उत…
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