सामग्री पर जाएँ

"बैंगन": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
No edit summary
Rescuing 1 sources and tagging 0 as dead.) #IABot (v2.0.9.5
 
(14 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 30 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
[[चित्र:Solanum melongena ja02.jpg|right|250px|thumb|बैंगन का फला हुआ पौधा]]
[[चित्र:Solanum melongena ja02.jpg|right|250px|thumb|बैंगन का फला हुआ पौधा]]
[[चित्र:Aubergines.jpg|right|thumb|250px|[[सब्ज़ी]] जिसके सिर पर ताज है:- '''बैंगन''']]
[[चित्र:Aubergines.jpg|right|thumb|250px|[[सब्ज़ी]] जिसके सिर पर ताज है:- '''बैंगन''']]
'''बैगन''' ({{lang-en|Brinjal}}) एक [[सब्जी]] है। बैंगन [[भारत]] में ही पैदा हुआ और आज [[आलू]] के बाद दूसरी सबसे अधिक खपत वाली सब्जी है। विश्व में [[चीन]] (54 प्रतिशत) के बाद भारत बैंगन की दूसरी सबसे अधिक पैदावार (27 प्रतिशत) वाले देश हैं। यह देश में 5.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में उगाया जाता है। आज विश्व में करीब 4 करोड़ 18 लाख टन बैंगन उगाया जाता है।
'''बैगन''' [[सब्ज़ी]] है। बैंगन [[भारत]] में ही पैदा हुआ और आज [[आलू]] के बाद दूसरी सबसे अधिक खपत वाली सब्जी है। विश्व में [[चीन]] (54 प्रतिशत) के बाद भारत बैंगन की दूसरी सबसे अधिक पैदावार (27 प्रतिशत) वाले देश हैं। यह देश में 5.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में उगाया जाता है।


बैंगन का पौधा २ से ३ फुट ऊँचा खड़ा लगता है। [[फल]] बैंगनी या हरापन लिए हुए पीले रंग का, या सफेद होता है और कई आकार में, गोल, अंडाकार, या सेव के आकार का और लंबा तथा बड़े से बड़ा फुटबाल गेंद सा हो सकता है। लंबाई में एक फुट तक का हो सकता है।
बैंगन का पौधा २ से ३ फुट ऊँचा खड़ा लगता है। [[फल]] बैंगनी या हरापन लिए हुए पीले रंग का, या सफेद होता है और कई आकार में, गोल, अंडाकार, या सेव के आकार का और लंबा तथा बड़े से बड़ा फुटबाल गेंद सा हो सकता है। लंबाई में एक फुट तक का हो सकता है।


बैंगन भारत का देशज है। प्राचीन काल से भारत से इसकी खेती होती आ रही है। ऊँचे भागों को छोड़कर समस्त भारत में यह उगाया जाता है।
बैंगन भारत का देशज है। प्राचीन काल से भारत से इसकी खेती होती आ रही है। ऊँचे भागों को छोड़कर समस्त भारत में यह उगाया जाता है।


==परिचय==
== परिचय ==
बैंगन महीन, समृद्ध, भली भाँति जलोत्सारित, बलुई दुमट मिट्टी में अच्छा उपजता है। पौधों को खेत में बैठाने के पूर्व मिट्टी में सड़ी गोबर की खाद तथा अमोनियम सल्फेट उर्वरक प्रयुक्त किया जा सकता हैं। प्रति एकड़ चार गाड़ी राख भी डाली जा सकती है। बैंगन तुषारग्राही है। मौसम के बाद बोने से फसल अच्छी नहीं उगती।
बैंगन महीन, समृद्ध, भली भाँति जलोत्सारित, बलुई दुमट मिट्टी में अच्छा उपजता है। पौधों को खेत में बैठाने के पूर्व मिट्टी में सड़ी गोबर की खाद तथा अमोनियम सल्फेट उर्वरक प्रयुक्त किया जा सकता हैं। प्रति एकड़ चार गाड़ी राख भी डाली जा सकती है। बैंगन तुषारग्राही है। मौसम के बाद बोने से फसल अच्छी नहीं उगती।


पंक्ति 22: पंक्ति 22:
बैंगन कई प्रकार के, छोटे से लेकर बड़े तक गोल और लंबे भी, होते हैं : गोल गहरा बैंगनी, लंबा बैंगनी, लंबा हरा, गोल हरा, हरापन लिए हुए सफेद, सफेद, छोटा गोल बैंगनी रंगवाला, वामन बैंगन, ब्लैकब्यूटी (Black Beauty), गोल गहरे रंग वाला, मुक्तकेशी, रामनगर बैंगन, गुच्छे वाले बैंगन आदि। बैंगन सोलेनेसी (Solanaceae) कुल के सोलेनम मेलोंगना (Solanum melongena) के अंतर्गत आता है। इसके विभिन्न किस्म वेरएसक्यूलेंटम (var-esculantum), वेर सर्पेटिनम (var-sarpentinum) और वेर डिप्रेस्सम (var-depressum) जातियों के है। फल के पकने में काफी समय लगता है। अत: [[बीज]] की प्राप्ति के लिए किसी फल को चुनकर, उसमें कुछ चिह्न लगाकर, पकने के लिए छोड़ देना चाहिए।
बैंगन कई प्रकार के, छोटे से लेकर बड़े तक गोल और लंबे भी, होते हैं : गोल गहरा बैंगनी, लंबा बैंगनी, लंबा हरा, गोल हरा, हरापन लिए हुए सफेद, सफेद, छोटा गोल बैंगनी रंगवाला, वामन बैंगन, ब्लैकब्यूटी (Black Beauty), गोल गहरे रंग वाला, मुक्तकेशी, रामनगर बैंगन, गुच्छे वाले बैंगन आदि। बैंगन सोलेनेसी (Solanaceae) कुल के सोलेनम मेलोंगना (Solanum melongena) के अंतर्गत आता है। इसके विभिन्न किस्म वेरएसक्यूलेंटम (var-esculantum), वेर सर्पेटिनम (var-sarpentinum) और वेर डिप्रेस्सम (var-depressum) जातियों के है। फल के पकने में काफी समय लगता है। अत: [[बीज]] की प्राप्ति के लिए किसी फल को चुनकर, उसमें कुछ चिह्न लगाकर, पकने के लिए छोड़ देना चाहिए।


==बैंगन के रोग और उनकी रोकथाम==
== बैंगन के रोग और उनकी रोकथाम ==
बैंगन वैसे तो बहुत आम सी दिखने वाली सब्जी है लेकिन साधारण सी दिखने वाली इस सब्जी में काफी गुण हैं, जिनके बारे में अधिकतर लोग नहीं जानते। बैंगन के नियमित सेवन से शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है जिससे दिल के रोगों का रिस्क कम होता है।<ref>{{Cite web |url=http://www.amarujala.com/news/lifestyle/health-fitness/health/surprising-health-benefits-of-vegetables/ |title=संग्रहीत प्रति |access-date=8 फ़रवरी 2015 |archive-url=https://web.archive.org/web/20150208073202/http://www.amarujala.com/news/lifestyle/health-fitness/health/surprising-health-benefits-of-vegetables/ |archive-date=8 फ़रवरी 2015 |url-status=live }}</ref> <ref>http://religion.bhaskar.com/news/yoga-properties-eggplant-eat-it-without-understanding-it-are-the-big-advantages-3944945.html {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20170218020812/http://religion.bhaskar.com/news/yoga-properties-eggplant-eat-it-without-understanding-it-are-the-big-advantages-3944945.html |date=18 फ़रवरी 2017 }},</ref>
=== बैंगन के फल और प्ररोह छिद्रक ===
=== बैंगन के फल और प्ररोह छिद्रक ===
ल्युसिनोड आर्वोनेलिस (Leucinodes orbonalis) एक पतिंगा होता है, जिसकी सूंडी (caterpillar) छोटे तनों और फलों में छेद कर अंदर चली जाती है। इससे पेड़ मुरझाकर सूख जाते हैं। फल खाने योग्य नहीं रह जाता और कभी कभी सड़ जाता है। इसकी रोकथाम के लिए रोगग्रस्त तनों को तुरंत काटकर हटा देना और उसे जला देना चाहिए। रोपनी के पहले यदि पौधों पर कृमिनाशक धूल छिड़क दी जाए, तो उससे भी सूंडी का असर नहीं होता। एक मास के अंतराल पर फसल पर कृमिनाशक औषधि का छिड़काव करना चाहिए। छिड़काव के पूर्व रोगग्रस्त भाग को काटकर, निकालकर जला देना चाहिए। बैंगन की फसल के समाप्त हो जाने पर उसके ठूँठ में आग लगाकर जला देना चाहिए और एक वर्ष तक उसमें बैंगन की फसल न बोनी चाहिए।
ल्युसिनोड आर्वोनेलिस (Leucinodes orbonalis) एक पतिंगा होता है, जिसकी सूंडी (caterpillar) छोटे तनों और फलों में छेद कर अंदर चली जाती है। इससे पेड़ मुरझाकर सूख जाते हैं। फल खाने योग्य नहीं रह जाता और कभी कभी सड़ जाता है। इसकी रोकथाम के लिए रोगग्रस्त तनों को तुरंत काटकर हटा देना और उसे जला देना चाहिए। रोपनी के पहले यदि पौधों पर कृमिनाशक धूल छिड़क दी जाए, तो उससे भी सूंडी का असर नहीं होता। एक मास के अंतराल पर फसल पर कृमिनाशक औषधि का छिड़काव करना चाहिए। छिड़काव के पूर्व रोगग्रस्त भाग को काटकर, निकालकर जला देना चाहिए। बैंगन की फसल के समाप्त हो जाने पर उसके ठूँठ में आग लगाकर जला देना चाहिए और एक वर्ष तक उसमें बैंगन की फसल न बोनी चाहिए।


===बैंगन के तने का छिद्रक ===
=== बैंगन के तने का छिद्रक ===
यूज़ोफेरा पार्टिसेला (Euzophera perticella) नामक पतिंगे की सूँडी तने में छेद कर प्रवेश कर जाती और उसका गुदा खाती है, जिससे पौधों का बढ़ना रुक जाता और आक्रांत भाग सूख जाता है। इसके निवारण का उपाय भी वही है जो ऊपर दिया हुआ है।
यूज़ोफेरा पार्टिसेला (Euzophera perticella) नामक पतिंगे की सूँडी तने में छेद कर प्रवेश कर जाती और उसका गुदा खाती है, जिससे पौधों का बढ़ना रुक जाता और आक्रांत भाग सूख जाता है। इसके निवारण का उपाय भी वही है जो ऊपर दिया हुआ है।


=== एपिलेछुआ बीटल्स===
=== एपिलेछुआ बीटल्स ===
एपिलेछुआ बीटल्स (Epilachua beetles) नामक जंतु पौधों की नई और प्रौढ़ पत्तियों को खाते हैं। इनकी रोकथाम के लिए पौधों के आकार के अनुसार ५ प्रतिशत बी. एच. सी. धूलन का प्रति एकड़ १० से २० पाउंड की दर से, अथवा 'पाइरोडस्ट ४,०००' का प्रति एकड़ १०-१५ पाउंड की दर से छिड़काव किया जा सकता है।
एपिलेछुआ बीटल्स (Epilachua beetles) नामक जंतु पौधों की नई और प्रौढ़ पत्तियों को खाते हैं। इनकी रोकथाम के लिए पौधों के आकार के अनुसार ५ प्रतिशत बी. एच. सी. धूलन का प्रति एकड़ १० से २० पाउंड की दर से, अथवा 'पाइरोडस्ट ४,०००' का प्रति एकड़ १०-१५ पाउंड की दर से छिड़काव किया जा सकता है।


==विश्व में बैगन का उत्पादन==
== विश्व में बैगन का उत्पादन ==
{| border="1" cellpadding="1" cellspacing="0" width="75%" class="wikitable" align=center
{| border="1" cellpadding="1" cellspacing="0" width="75%" class="wikitable" align=center
! colspan=5|बैगन के सर्वाधिक उत्पादक दस देश (2010)
! colspan=5|बैगन के सर्वाधिक उत्पादक दस देश (2010)
पंक्ति 65: पंक्ति 66:
|-
|-
|colspan=5 style="font-size:.7em"|F = FAO का आकलन, <br>
|colspan=5 style="font-size:.7em"|F = FAO का आकलन, <br>
''स्रोत: [[संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन]] (FAO)''<ref>{{cite web|url=http://faostat.fao.org/site/567/DesktopDefault.aspx?PageID=567#ancor |title=Major Food And Agricultural Commodities And Producers - Countries By Commodity |publisher=Fao.org |date= |accessdate=2012-05-12}}</ref>
''स्रोत: [[संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन]] (FAO)''<ref>{{cite web |url=http://faostat.fao.org/site/567/DesktopDefault.aspx?PageID=567#ancor |title=Major Food And Agricultural Commodities And Producers - Countries By Commodity |publisher=Fao.org |date= |accessdate=2012-05-12 |archive-url=https://web.archive.org/web/20150906230329/http://faostat.fao.org/site/567/DesktopDefault.aspx?PageID=567#ancor |archive-date=6 सितंबर 2015 |url-status=live }}</ref>
|} <br>
|} <br>


==चित्रदीर्घा==
==सन्दर्भ==
<gallery>
File:Brinjal of Bangladesh (1).jpg
File:Thai eggplant flowers-KayEss-2.jpeg|alt=two pretty flowers, one purple, one white, both with yellow centers|[[Thai eggplant]] flowers
File:Terung Tua.jpg|alt=yellow eggplant dangles from brown, dead plant material|A fully ripe, mature eggplant turns yellow
File:Qiezi.jpg|Chinese ''[[yuxiang|yúxiāng]]-qiézi'' (fish-fragrance eggplants)
File:Dureup-gaji-jeon.jpg|Korean ''[[dureup]]-gaji-[[jeon (food)|jeon]]'' (pan-fried eggplants and angelica tree shoots)
File:Eggplant 2.jpg
</gallery>

== सन्दर्भ ==
<references/>
<references/>


==इन्हें भी देखें==
== इन्हें भी देखें==
*[[बीटी बैंगन]]
*[[बीटी बैंगन]]


== बाहरी कड़ियाँ ==
== बाहरी कड़ियाँ ==
*[http://www.uttamkrishi.com/sabzidetails.asp?id=2 बैंगन की खेती] (उत्तम कृषि)
*[https://web.archive.org/web/20120703090234/http://www.uttamkrishi.com/sabzidetails.asp?id=2 बैंगन की खेती] (उत्तम कृषि)
*[http://www.krishisewa.com/disease/dbrinjal.html बैंगन के प्रमुख रोग - लक्षण व निदान] (कृषिसेवा)
*[https://web.archive.org/web/20130128090743/http://krishisewa.com/disease/dbrinjal.html बैंगन के प्रमुख रोग - लक्षण व निदान] (कृषिसेवा)
*[http://hpagrisnet.gov.in/agriculture/hindi%20sabji%20pages/%E0%A4%AC%E0%A5%88%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A4%A8.aspx बैंगन की खेती]
*[http://hpagrisnet.gov.in/agriculture/hindi%20sabji%20pages/%E0%A4%AC%E0%A5%88%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A4%A8.aspx बैंगन की खेती]{{Dead link|date=जून 2020 |bot=InternetArchiveBot }}
* [http://sites.google.com/site/sehataurswad/baingan-ka-bharta- बैंगन का भरता]
* [https://web.archive.org/web/20151015103547/https://sites.google.com/site/sehataurswad/baingan-ka-bharta- बैंगन का भरता]
* [http://www.jkhealthworld.com/detail.php?id=1135 बैंगन]
* [http://www.jkhealthworld.com/detail.php?id=1135 बैंगन]{{Dead link|date=जून 2020 |bot=InternetArchiveBot }}
* [http://www.peoplessamachar.co.in/index.php?option=com_content&view=article&id=7380:2010-08-26-20-38-20&catid=43:cuisiens&Itemid=53 भरवां बैंगन]
* [http://www.peoplessamachar.co.in/index.php?option=com_content&view=article&id=7380:2010-08-26-20-38-20&catid=43:cuisiens&Itemid=53 भरवां बैंगन] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20201027030923/http://www.peoplessamachar.co.in/index.php?option=com_content&view=article&id=7380:2010-08-26-20-38-20&catid=43:cuisiens&Itemid=53 |date=27 अक्तूबर 2020 }}
* [http://www.bhaskar.com/2010/02/05/100205010108_bt_baigan.html क्या यह बैंगन (बीटी बैगन) जहरीला है?]
* [http://www.bhaskar.com/2010/02/05/100205010108_bt_baigan.html क्या यह बैंगन (बीटी बैगन) जहरीला है?]{{Dead link|date=सितंबर 2021 |bot=InternetArchiveBot }}
{{सब्जियाँ}}
{{सब्जियाँ}}



22:29, 3 सितंबर 2024 के समय का अवतरण

बैंगन का फला हुआ पौधा
सब्ज़ी जिसके सिर पर ताज है:- बैंगन

बैगन सब्ज़ी है। बैंगन भारत में ही पैदा हुआ और आज आलू के बाद दूसरी सबसे अधिक खपत वाली सब्जी है। विश्व में चीन (54 प्रतिशत) के बाद भारत बैंगन की दूसरी सबसे अधिक पैदावार (27 प्रतिशत) वाले देश हैं। यह देश में 5.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में उगाया जाता है।

बैंगन का पौधा २ से ३ फुट ऊँचा खड़ा लगता है। फल बैंगनी या हरापन लिए हुए पीले रंग का, या सफेद होता है और कई आकार में, गोल, अंडाकार, या सेव के आकार का और लंबा तथा बड़े से बड़ा फुटबाल गेंद सा हो सकता है। लंबाई में एक फुट तक का हो सकता है।

बैंगन भारत का देशज है। प्राचीन काल से भारत से इसकी खेती होती आ रही है। ऊँचे भागों को छोड़कर समस्त भारत में यह उगाया जाता है।

बैंगन महीन, समृद्ध, भली भाँति जलोत्सारित, बलुई दुमट मिट्टी में अच्छा उपजता है। पौधों को खेत में बैठाने के पूर्व मिट्टी में सड़ी गोबर की खाद तथा अमोनियम सल्फेट उर्वरक प्रयुक्त किया जा सकता हैं। प्रति एकड़ चार गाड़ी राख भी डाली जा सकती है। बैंगन तुषारग्राही है। मौसम के बाद बोने से फसल अच्छी नहीं उगती।

साधारण तौर पर बैंगन की तीन बोआई हो सकती है :

  • (१) जून जुलाई में बीज डाला जा सकता है और पौधे ६�� ऊँचे हो जाएँ तब खेत में रोपा जा सकता है। ११५ से १२० दिनों में फल लगने लगता है। फल का लगना कम हो जाने पर कभी-कभी छँटाई करने से, नए प्ररोह निकलने और उनपर फिर फल लगने लगता है।
  • (२) फरवरी में बीज बोने से वर्षा ऋतु में पौधे फल देने लगते है।
  • (३) नवंबर की रोपाई से फल फरवरी में लगने लगते हैं। जाड़े में पौधों की वृद्धि कम होती है।

पहली बोआई सबसे अच्छी है और उससे अधिकतम फल प्राप्त होता है। प्रति एकड़ औसत उपज १००-१५० मन हो सकती है।

बैंगन कई प्रकार के, छोटे से लेकर बड़े तक गोल और लंबे भी, होते हैं : गोल गहरा बैंगनी, लंबा बैंगनी, लंबा हरा, गोल हरा, हरापन लिए हुए सफेद, सफेद, छोटा गोल बैंगनी रंगवाला, वामन बैंगन, ब्लैकब्यूटी (Black Beauty), गोल गहरे रंग वाला, मुक्तकेशी, रामनगर बैंगन, गुच्छे वाले बैंगन आदि। बैंगन सोलेनेसी (Solanaceae) कुल के सोलेनम मेलोंगना (Solanum melongena) के अंतर्गत आता है। इसके विभिन्न किस्म वेरएसक्यूलेंटम (var-esculantum), वेर सर्पेटिनम (var-sarpentinum) और वेर डिप्रेस्सम (var-depressum) जातियों के है। फल के पकने में काफी समय लगता है। अत: बीज की प्राप्ति के लिए किसी फल को चुनकर, उसमें कुछ चिह्न लगाकर, पकने के लिए छोड़ देना चाहिए।

बैंगन के रोग और उनकी रोकथाम

[संपादित करें]

बैंगन वैसे तो बहुत आम सी दिखने वाली सब्जी है लेकिन साधारण सी दिखने वाली इस सब्जी में काफी गुण हैं, जिनके बारे में अधिकतर लोग नहीं जानते। बैंगन के नियमित सेवन से शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है जिससे दिल के रोगों का रिस्क कम होता है।[1] [2]

बैंगन के फल और प्ररोह छिद्रक

[संपादित करें]

ल्युसिनोड आर्वोनेलिस (Leucinodes orbonalis) एक पतिंगा होता है, जिसकी सूंडी (caterpillar) छोटे तनों और फलों में छेद कर अंदर चली जाती है। इससे पेड़ मुरझाकर सूख जाते हैं। फल खाने योग्य नहीं रह जाता और कभी कभी सड़ जाता है। इसकी रोकथाम के लिए रोगग्रस्त तनों को तुरंत काटकर हटा देना और उसे जला देना चाहिए। रोपनी के पहले यदि पौधों पर कृमिनाशक धूल छिड़क दी जाए, तो उससे भी सूंडी का असर नहीं होता। एक मास के अंतराल पर फसल पर कृमिनाशक औषधि का छिड़काव करना चाहिए। छिड़काव के पूर्व रोगग्रस्त भाग को काटकर, निकालकर जला देना चाहिए। बैंगन की फसल के समाप्त हो जाने पर उसके ठूँठ में आग लगाकर जला देना चाहिए और एक वर्ष तक उसमें बैंगन की फसल न बोनी चाहिए।

बैंगन के तने का छिद्रक

[संपादित करें]

यूज़ोफेरा पार्टिसेला (Euzophera perticella) नामक पतिंगे की सूँडी तने में छेद कर प्रवेश कर जाती और उसका गुदा खाती है, जिससे पौधों का बढ़ना रुक जाता और आक्रांत भाग सूख जाता है। इसके निवारण का उपाय भी वही है जो ऊपर दिया हुआ है।

एपिलेछुआ बीटल्स

[संपादित करें]

एपिलेछुआ बीटल्स (Epilachua beetles) नामक जंतु पौधों की नई और प्रौढ़ पत्तियों को खाते हैं। इनकी रोकथाम के लिए पौधों के आकार के अनुसार ५ प्रतिशत बी. एच. सी. धूलन का प्रति एकड़ १० से २० पाउंड की दर से, अथवा 'पाइरोडस्ट ४,०००' का प्रति एकड़ १०-१५ पाउंड की दर से छिड़काव किया जा सकता है।

विश्व में बैगन का उत्पादन

[संपादित करें]
बैगन के सर्वाधिक उत्पादक दस देश (2010)
देश उत्पादन (टन) टिप्पणी
 चीनी जनवादी गणराज्य 24,501,936 F
 भारत 10,563,000
 मिस्र 1,229,790 F
 ईरान 888,500 F
 तुर्की 849,998
 इण्डोनेशिया 482,305 F
 ईराक 387,435 F
 जापान 330,100 F
 इटली 302,551
फिलीपींस 208,252
 विश्व 41,840,989 कुल
F = FAO का आकलन,

स्रोत: संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO)[3]


चित्रदीर्घा

[संपादित करें]

सन्दर्भ

[संपादित करें]
  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 8 फ़रवरी 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 फ़रवरी 2015.
  2. http://religion.bhaskar.com/news/yoga-properties-eggplant-eat-it-without-understanding-it-are-the-big-advantages-3944945.html Archived 2017-02-18 at the वेबैक मशीन,
  3. "Major Food And Agricultural Commodities And Producers - Countries By Commodity". Fao.org. मूल से 6 सितंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2012-05-12.

इन्हें भी देखें

[संपादित करें]

बाहरी कड़ियाँ

[संपादित करें]