iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय कपड़ा मंत्रालय की अधीनस्थ एजेंसी- भारतीय कपास निगम (सीसीआई) द्वारा 2024-25 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) में किसानों से अब तक 63 लाख गांठ (170 किलो की प्रत्येक गांठ) से अधिक कपास की खरीद की जा चुकी है जो मंडियों में हुई इसकी कुल आवक लगभग 136 लाख गांठ का 46 प्रतिशत है। शीर्ष व्यापारिक संस्था- कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने अब तक मंडियों में करीब 136 लाख गांठ कपास की आपूर्ति होने का अनुमान लगाया है।
सीसीआई के सीएमडी के अनुसार इस 63 लाख गांठ की कुल मात्रा में से करीब 32 लाख गांठ कपास की खरीद सिर्फ तेलंगाना में की गई।
इसके बाद महाराष्ट्र में 16 लाख गांठ, गुजरात में 5 लाख गांठ तथा आंध्र प्रदेश एवं कर्नाटक में 3-3 लाख गांठ कपास की खरीद हुई।
इसके अलावा मध्य प्रदेश 2.25 लाख गांठ, उड़ीसा में 1.25 लाख गांठ, राजस्थान में 50 हजार, हरियाणा में 30 हजार तथा पंजाब में 1 हजार गांठ कपास की सरकारी खरीद हो चुकी है।
उल्लेखनीय है कि मध्य दिसम्बर तक केवल 31 लाख गांठ कपास की सरकारी खरीद हुई थी लेकिन उसके बाद खरीद की गति काफी तेज हो गई क्योंकि मंडियों में भारी आपूर्ति एवं कमजोर मांग के कारण कपास का दाम घटकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे आ गया और इसलिए निगम की सक्रियता बढ़ गई।
केन्द्र सरकार ने 2024-25 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन के लिए कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाकर मध्यम रेशे वाली श्रेणी के लिए 7121 रुपए प्रति क्विंटल तथा रेशे वाली किस्मों के लिए 7521 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है।
प्रमुख उत्पादक राज्यों की महत्वपूर्ण मंडियों में लम्बे रेशे वाली कपास का भाव 7100/7200 रुपए प्रति क्विंटल के करीब चल रहा है जिससे इसकी सरकारी खरीद कुछ और बढ़ने की संभावना है। रूई का दाम 1000/1200 रुपए घटकर अब 53,500/54500 रुपए प्रति कैंडी (356 किलो) पर पहुंच गया है।