चक
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]चक ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ चक्र, प्रा॰ चक्क]
१. चकई नाम का खिलौना । उ॰—इत आवत दै जात दिखाई ज्यों भँवरा चक डोर । उततें सूत न टारत कतहूँ मोसों मानत कोर ।—सूर (शब्द॰) ।
२. चक्रवाक पक्षी । चकवा । उ॰—संपति चकई भरत चक, मुनि आयसु खेलवार । तेहि निसि आश्रम पींजरा, राखे भा भिनसार ।—तुलसी (शब्द॰) ।
३. चक्र नामक अस्त्र ।
४. चक्का । पहिया
५. जमीन का बड़ा टुकड़ा । भूमि का एक भाग । पट्टी । यौ॰—चकबंदी ।
चक ^२ वि॰ भरपूर । अधिक । ज्यादा । उ॰—(क) उन्होंने चक माल मारा है । (ख) उनकी चक छनी है ।—(भंगड़) ।
चक ^३ वि॰ [सं॰] चकपकाया हुआ । भ्रांत । भौचक्का । उ॰—चक चकित चित्त चरबीन चुभि चकचकाइ चंडी रहत ।—पद्माकर (शब्द॰) ।
चक ^४ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. साधु ।
२. खल ।