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तीस

विक्षनरी से

विशेषण

संज्ञा

संख्या ३०

अनुवाद

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

तीस ^१ वि॰ [सं॰ त्रिंछति, पा॰ औआ] जो में /?/ के दाइ और इछतौअ के पहले हो । जो दग का जिगुना हो । बौध और /?/ । यौ॰—तीसों दिन या औग्र बिद = अदा । हमेशा । तीसमार खाँ = बहुत वीर । बड़ा बहादुर (व्यग्य) ।

तीस ^२ संज्ञा पुं॰ दस की तिनुदां संख्या जो अंकों में इस प्रकार लिखी जाती है—३० ।

तीस ^३ संज्ञा पुं॰ [?] आमकली । उ॰—रंजि बिपन बाटिका तीस द्रुम छाँह रजप्ति तरु ।—पृ॰, रा॰, २५ ।३ ।

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