Art of Answer Writing Hindi
Art of Answer Writing Hindi
Art of Answer Writing Hindi
िुख्य भाग.................................................................................................................................................................... 10
निष्कर्ष ........................................................................................................................................................................ 10
समय प्रबांधि......................................................................................................................... 13
2
DESCRIBE: वर्णि करिा ......................................................................................................................................... 31
अांततः .................................................................................................................................. 35
3
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ज्ञाि का प्रदर्णि: उत्तर लेखन उम्मीदिार ों क सिषय िस्तु के बारे में अपनी िमझ प्रदसशित करने की अनुमसत दे ता है ।
ज्ञान ह ना ही पयाि प्त नहीों है ; उम्मीदिार ों क अपने सिचार ों और तकों क अच्छी तरह िे स्ट्र क्चर्ि और िोंसक्षप्त उत्तर ों के
माध्यम िे प्रिािी ढों ग िे प्रस्तुत करना चासहए। उत्तर लेखन िे उम्मीदिार के ज्ञान की गहराई, सिश्लेषणात्मक कौशल
और सिचार ों क स्पष्ट रूप िे व्यक्त करने की क्षमता प्रदसशित करने में मदद समलती है ।
समय प्रबोंधि: यूपीएििी परीक्षा में, उम्मीदिार ों क प्रत्येक पेपर के सलए 3 घोंटे में िषों की अपनी तैयारी का प्रदशिन
करना ह ता है । सनयसमत रूप िे उत्तर लेखन का अभ्याि करने िे उम्मीदिार ों क प्रिािी ढों ग िे िमय प्रबोंधन करने का
कौशल सिकसित करने में मदद समलती है । प्रत्येक प्रश्न के सलए िमझदारी िे िमय आिोंसटत करना िीखना महत्वपूणि है ,
इिमें यह िुसनसित करना िी महत्वपूणि है सक िे सनधाि ररत िमय िीमा के िीतर पेपर पूरा कर लें।
विचार/आईविया की स्पष्टता: विचार ं क प्रिािी ढों ग िे प्रस्तुत करने और उत्तर ों में अस्पष्टता या भ्रम िे बचने के सलए
सिचार की स्पष्टता आिश्यक है । उत्तर लेखन के सलए उम्मीदिार ों क अपनी ि च और आईसर्या क िुिोंगत रूप िे
व्यिक्टथथत करने की आिश्यकता ह ती है । यह िसटल िानकारी क तासकिक और िोंसक्षप्त रूप िे प्रस्तुत करने का कौशल
सिकसित करने में मदद करता है ।
व्यवस्थित दृष्टिकोण: यूपीएििी में अक्सर ऐिे प्रश्न शासमल ह ते हैं सिनके सलए व्यिस्थित प्रसतसिया की आिश्यकता
ह ती है । उत्तर लेखन उम्मीदिार ों क ऐिे प्रश्न ों के िमाधान के सलए एक सिस्ट्े मेसटक एप्र च सिकसित करने में िक्षम
बनाता है । उत्तर लेखन का अभ्याि करके, उम्मीदिार अपने उत्तर ों के सलए एक पररचय/िूसमका, मुख्य िाग और सनष्कषि
बनाना िीखते हैं , सिििे उनकी प्रसतसियाएँ असधक व्यिक्टथथत और िुिोंगत बनती हैं ।
परीक्षा के माहौि में अभ्यास करिा: उत्तर लेखन में सनयसमत अभ्याि लोंबे िमय तक सलखने के सलए आिश्यक
िहनशक्टक्त सिकसित करने, गसत में िुधार करने और पूरे परीक्षा के दौरान फ कि बनाए रखने में मदद करती है ।
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मॉक टे स्ट् या उत्तर सलखने का िमयबद्ध अभ्याि उम्मीदिार ों क परीक्षा के माहौल का अनुकरण करने और िास्तसिक
यूपीएििी परीक्षाओों के िमान िमय की कमी और दबाि के िीतर सलखने का अभ्याि करने की अनुमसत दे ता है ।
उत्तर की गुर्ित्ता बढािा: यूपीएििी परीक्षा व्यापक और िमग्र उत्तर ों की माों ग करती है ि सकिी सदए गए सिषय के
सिसिन्न आयाम ों क किर करती हैं । उत्तर लेखन, उम्मीदिार ों क एक ििाां गीण प्रसतसिया प्रदान करने के सलए प्रािोंसगक
तथ् ,ों उदाहरण ों और दृसष्टक ण ों क शासमल करने का कौशल सिकसित करने में िक्षम बनाता है । यह िमाल चनात्मक
ि च और सिषय की व्यापक किरे ि क प्र त्सासहत करके उत्तर ों की गुणित्ता में िुधार करने में मदद करता है ।
फीिबैक और सुधार: उत्तर लेखन उम्मीदिार ों क उनके प्रदशिन पर प्रसतसिया प्राप्त करने का अििर प्रदान करती है ।
िलाहकार ,ों सशक्षक ों या िासथय ों िे फीर्बैक माों गकर, उम्मीदिार उत्तर सलखने में अपनी स्ट्र ें थ और कमि ररय ों की
पहचान कर िकते हैं । यह फीर्बैक उन क्षेत् ों की पहचान करने में मदद करता है सिनमें िुधार की आिश्यकता है , िैिे
कोंटें ट, स्ट्र क्चर, या प्रस्तुसत और उम्मीदिार ों क अपने लेखन कौशल क सनखारने में िक्षम बनाती है ।
विष्कषणतः यूपीएििी परीक्षा की तैयारी में उत्तर लेखन एक महत्वपूणि िूसमका सनिाती है । यूपीएििी परीक्षाओों में
उत्कृष्टता हासिल करने के इच्छु क उम्मीदिार ों के सलए उत्तर लेखन का सनयसमत अभ्याि और फीर्बैक महत्वपूणि है ।
इि बुकलेट में हम विगत िषि के प्रश्न ों के उदाहरण ों के माध्यम िे यूपीएििी परीक्षा के सलए उत्तर लेखन की कला क
सिस्तार िे िमझेंगे।
❖ सनबोंध पेपर में द खोंर् ह ते हैं , खोंर् A और खोंर् B, सििमें प्रत्येक 125 अोंक ों के चार टॉसपक ह ते हैं और कुल
250 (125×2) अोंक ह ते हैं ।
❖ उम्मीदिार क प्रत्येक खोंर् िे एक टॉसपक का चयन करना ह गा और तीन घोंटे के सदए गए िमय के िीतर 1,000
िे 2,000 शब् ों में इिके बारे में सलखना ह गा।
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पेपर VI और VII (िैकक्टिक सिषय): कुि अोंक: 250
5. िैल्यू एविर्ि
6. उत्तर की प्रस्तुवत
माोंग कय समझिा
एक अच्छा उत्तर वलखने के सलए, आपक कुछ मूलिूत तकनीक ों क िमझने की आिश्यकता है । इि खोंर् में सिन कुछ
सबोंदुओों पर सिचार सकया िा िकता है िे इि प्रकार हैं :
❖ पूछे गए प्रश्न कय ध्यािपूिणक पढें : प्रश्न क छ टे -छ टे सहस् ों में बाों टकर पढना िरूरी है ।
❖ "चचाि /आल चनात्मक चचाि " िैिे प्रश्न ों के सनदे श ों क िटीक रूप िे िमझा िाना चासहए। इि िाग क बाद के
अध्याय में िमग्र रूप िे शासमल सकया गया है ।
❖ प्रश्न की माोंग से ि भटकें: यूपीएििी िसटल सिचार ों की िरल और अच्छी तरह िे प्रस्तुसत पिोंद करता है । इिसलए,
अभ्यथी क प्रश्न की मां ग िे िटके सबना उत्तर सलखना चासहए।
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❖ स्पष्ट प्रस्तुवत: राय-आधाररत उत्तर बुलेट (विन्दु िार) में सलखे िाने चासहए। तथ्-आधाररत उत्तर या त पैराग्राफ में या
बुलेट में या द न ों के िोंय िन में सलखे िा िकते हैं। कीिर्ि क अोंर्रलाइन करना चासहए तासक मूल्ाों कनकताि क
िह स्पष्ट तौर पर सदखाई दे ।
प्रश्न. "भारत के पूरे क्षेत्र में गमिागमि और वििास का अवधकार भारतीय िागररकयों के विए स्वतोंत्र रूप से
उपिब्ध है , िेवकि ये अवधकार असीम िही ों हैं ।" वटप्पर्ी कीविए। (150 र्ब्द, 10 अोंक)
❖ GS पेपर I वसविल सेिा मुख्य परीक्षा 2021 के सनम्नसलक्टखत प्रश्न पर सिचार कीसिए:
प्रश्न. है दराबाद और पुर्े िैसे स्माटण र्हरयों सवहत भारत के िाखयों र्हरयों में भारी बाढ का कारर् बताएों । स्थायी
उपचारात्मक उपाय सुझाएँ । (250 र्ब्द, 15 अोंक)
❖ ऐिे प्रश्न का उत्तर सलखते िमय, हम मन में एक रूपरे खा बना िकते हैं । इि सिशेष मामले में, हम शहरी बाढ के
बारे में प्रश्न ों या कुछ उदाहरण ,ों र्े टा या िमाचार ों के िोंदिि क बताते हुए एक िोंसक्षप्त िूसमका/पररचय के िाथ
शुरुआत कर िकते हैं ।
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❖ मुख्य िाग में, हम शीषिक के रूप में "शहरी बाढ के सलए सिम्मेदार कारक" सलख िकते हैं तथा कारण ों और
कारक ों क बताते हुए पॉइों ट्ि सलख िकते हैं ।
❖ हम इिके िोंबोंध में कुछ िसमसत की सिफाररश ,ों ििोत्तम प्रथाओों के बारे में िी चचाा कर िकते हैं ।
❖ उत्तर के अोंसतम िाग में हम मुख्य सबोंदुओों क िोंक्षेप में प्रस्तुत करते हुए सनष्कषि सनकालते हैं सक अिािसध और
दीघिकासलक उपाय ों के िाथ बहुआयामी दृसष्टक ण सकि प्रकार िृक्टद्ध और सिकाि क िोंतुसलत करके िसिष्य के
शहर ों का सिकाि कर िकता है ।
उत्तर के घटक
भूवमका/पररचय
❖ कथन का िोंक्षेप में िणिन करें और उत्तर प्रस्तुत करें । यह िोंसक्षप्त और िारगसिित ह ना चासहए। िूसमका/पररचय
लगिग 30 िे 50 शब् ों में सलखा िा िकता है ।
❖ अभ्यथी क िबिे पहले उि िमस्या/मुद्े/सिचार/सिषय का मूल चुनना ह गा सििके बारे में प्रश्न पूछा िा रहा है ।
❖ यसद प्रश्न में द या द िे असधक िाग हैं त ििी िाग ों का िोंक्षेप में पररचय दे ना चासहए। इि प्रकार, इिे उत्तर के
केंद्रीय आधार क िोंक्षेप में बताना चासहए।
❖ पररचय की आदशि लोंबाई शब् िीमा का लगिग 10% है । यह शब् िीमा के 20% िे असधक लोंबा नहीों ह ना
चासहए। (200 शब् ों में 20-40 शब् ों में उत्तर दें )
पररचय के प्रकार
सकिी उत्तर का पररचय सलखने के सिसिन्न िोंिासित दृसष्टक ण हैं । इनमें िे कुछ क इि प्रकार िमझाया गया है
1. पृष्ठभूवम/सोंदभण आधाररत
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2. िे टा आधाररत
3. पररभाषा/अिधारर्ा आधाररत
4. ितणमाि/समसामवयक/सोंदभण आधाररत
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विम्नविखखत प्रश्न पर विचार करें , हम इसी प्रश्न के विए कई तरीकयों से पररचय विख सकते हैं ।
मुख्य भाग
❖ मूल मां ग क िमझें और इिे उत्तर के मुख्य िाग में िोंब सधत करें । प्रश्न की माों ग पर बने रहें । उत्तर के मुख्य िाग क
आिश्यकतानुिार पैराग्राफ या बुलेट में सििासित करें ।
❖ ि महत्वपूणि सबोंदु आपक पूरी तरह िे याद आ रहे हैं , उन्हें पहले सलखा िाना चासहए।
❖ िगह बचाने और प्रेिेंटेशन क बेहतर बनाने के सलए र्ायग्राम और फ़्ल चाटि का उपय ग करें ।
❖ यसद सकिी मुद्े के िकारात्मक और नकारात्मक द न ों पहलुओों पर चचाि करने के सलए कहा िाए, त ििी
िकारात्मक पहलुओों क एक पैराग्राफ में िूचीबद्ध करें और सफर नकारात्मक पहलुओों क िूचीबद्ध करें ; मुद्े के
सलए आगे की राह बताइये।
❖ अपने उत्तर के मुख्य िाग में अपने तकि तासकिक रूप िे प्रस्तुत करें ।
❖ कई आयाम ों क किर करें िैिे - िामासिक, रािनीसतक और आसथिक आयाम - और अपने सिचार क पुष्ट करने के
सलए सिसिन्न उदाहरण िी दें ।
विष्कषण
❖ अपने उत्तर क एक िोंतुसलत सनष्कषि और एक स्वथथ िकारात्मक राय के िाथ िमाप्त करें ।
❖ सनष्कषि क किी िी नकारात्मक स्वर या लहिे में या क ई अन्य प्रश्न पूछकर िमाप्त न करें ।
❖ सनष्कषि में क ई िमाधान या आगे की राह िामने रखने का प्रयाि करें क् सों क यह िमाधान ख िने की इच्छा क
दशाि ता है ।
❖ अोंसतम िाक् एक िामान्य कथन ह ना चासहए ि उत्तर के ििी मुख्य तत्व /ों सबोंदुओ/ों तकों क एक िाथ लाता है और
पररचय में उक्टिक्टखत 'फैिले/िािना/मूल्ाों कन' क द हराता है ।
❖ एक आशािादी, िमाधान-उन्मुख सनष्कषि ि मुख्य िाग में प्रस्तुत तकि क िाराोंसशत कर िकता है , मूल्ाों कनकताि
पर एक अच्छा प्रिाि छ ड िकता है ।
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❖ र्ब्द सीमा का पािि करें :
GS1 िे GS3 में प्रत्येक प्रश्न 200 शब् ों तक िीसमत है ि सकिी प्रश्न के उत्तर के सलए उसचत शब् िीमा है ।
शब् िीमा क सनयोंत्ण में रखने के सलए कथन ों क "और" के िाथ िोंय सित करने का प्रयाि करें ।
उत्तर में व्यिक्टथथत प्रिाह बनाने के सलए प्रत्येक उत्तर की शुरुआत में एक टाइमलाइन शासमल करें ।
❖ एर्िाों ि खोंर् उम्मीदिार की िबिे िसटल सििरण ों क याद रखने, ििोत्तम रूप िे पररष्कृत उत्तर वलखने और इिे
यथािोंिि िबिे ठ ि तरीके िे प्रस्तुत करने की क्षमता का परीक्षण करता है । इि खोंर् के अोंतगित सिन कुछ
सबोंदुओों पर सिचार सकया िा िकता है उनमें शासमल हैं :
❖ पेस्टि (PESTLE) एप्रयच का उपययग करें : PESTLE एप्र च में रािनीसतक (Political), आसथिक (Economic),
िामासिक (Social), तकनीकी (Technological), कानूनी (Legal) और पयाि िरण (Environmental) िैिे सिसिन्न
एों गल का उपय ग करके मुद् ों का आकलन करना शासमल है।
❖ उत्तर दे िे के विदे र्: सिसिन्न प्रकार के प्रश्न-उत्तर िोंय िन ों के सलए टे म्पलेट बनाएों सिन्हें आप याद रख िकें। अपने
कथन ों क रे खाोंसकत करने के सलए सिश्विनीय स्र त ों िे ली गई निीनतम ररप टि और र्े टा सबोंदुओों के िाथ अपने
उत्तर ों का िमथिन करें ।
❖ पूछे िािे िािे कई उप-प्रश्नयों कय समझिा: प्रत्येक अभ्यथी क यह याद रखना चासहए सक यूपीएििी का
ईमानदार मूल्ाों कन मात्ा पर आधाररत नहीों है , बक्टि गुणित्ता पर आधाररत है। उत्तर ों में हमेशा प्रश्न द्वारा प्रस्तुत
मुख्य मुद् ों का िमाधान प्रदान करना चासहए।
❖ अपने तकि का िमथिन करने के सलए तथ् ों और र्े टा के िाथ अपने उत्तर ों की पुसष्ट करें । िैिे सलोंग िमानता के तकि
में नीचे सदए गए र्े टा का उपय ग सकया िा िकता है :
❖ "अोंतराि ष्टरीय मुद्रा क ष (IMF) ने कहा है सक यसद िारत लैंसगक िमानता तक पहुों च िाता है यानी श्रम बल में
मसहलाओों की िागीदारी क पुरुष ों के िमान स्तर तक बढा दे ता है , त इििे िारत की GDP में 27% की िृक्टद्ध
ह गी।"
❖ अिधारणा या घटना या िौग सलक क्टथथसत क िमझाने के सलए िायग्राम/मािवचत्र का उपय ग करें ।
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❖ िसमसतय /ों ररप टों की सिफाररश ों क शासमल करने का प्रयाि करें और अपने कथन ों क िमेसकत करने के सलए
ितत सिकाि लक्ष् ों का उिेख करें । उदाहरण- केंद्र-राज्य िोंबोंध ों पर िरकाररया आय ग, पराली िलाने पर मदन
बी. ल कुर िसमसत, बैंक िुधार ों पर रों गरािन िसमसत।
❖ उत्तर ों में उपय ग के सलए महत्वपूणि अिधारणाओों की पररिाषाएँ तैयार रखें। िैिे, स्वयों िहायता िमूह, कॉपोरे ट
गिनेंि आसद।
❖ आरे ख ,ों मानसचत् ों और तासलकाओों के माध्यम िे अपने ज्ञान क बढाकर ठ ि तकि बनाएों ।
❖ तथ्ात्मक (Factual) खोंर् ों का उत्तर अोंतर और िमानताओों क दशाि ने के सलए स्ट्े प र्ायग्राम, हब स्प क र्ायग्राम,
िकुिलर र्ायग्राम, िसटि कल र्ायग्राम और तासलकाओों िैिे र्े टा िधिक का सनमाि ण करके सदया िाना चासहए।
उत्तर की प्रस्तुवत
प्रश्न ों का उत्तर दे ते िमय, आदशि उत्तर सलखने के सलए हमेशा तीन तत्व ों की िाँ च
करें :
❖ एक सिणव्यापी पररचय विखें : एक िोंसक्षप्त पररचय यह थथासपत करता है सक प्रश्न और सिषय हमें िमझ में आ गया
है ।
❖ बहु-आयामी दृवष्टकयर् अपिाएों : प्रश्न ों का उत्तर दे ते िमय, उन्हें सिसिन्न दृविक ण ं (रािनीसतक, आसथिक,
िामासिक, तकनीकी आसद) िे दे खें और िोंपूणि उत्तर सलखें।
❖ प्रस्तुवतकरर् मायिे रखता है : तथ्, आों कडे , अदालती मामले, अनुच्छेद आसद मुख्य िाग क गहन तकििोंगत
दृसष्टक ण दे ते हैं और उत्तर की िमग्र गुणित्ता में इिाफा करते हैं । आरे ख, मानसचत्, फ़्ल चाटि , तासलकाएँ और उप-
शीषिक ों का उपय ग प्रस्तुसतकरण क परीक्षक के सलए पढने य ग्य बनाने और िमझने में आिान बनाता है ।
❖ कीििण का उपययग: कीिर्ि और प्रािोंसगक िानकारी क हाइलाइट करना (अोंर्रलाइन करना) परीक्षक का ध्यान
आकसषित करता है । मुख्य िाक्ाों श ों का उपय ग करें ि चचाि सकए िा रहे सिषय का िार बताते हैं और उत्तर में
िैल्ू एसर्शन करें ।
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िैिे सूक्ष्म कृवष, सबका साथ सबका विकास, ROAD [Responsibility (सिम्मेदारी), Ownership
(स्वासमत्व), Accountability (ििाबदे ही) and Discipline (अनुशािन)] िफलता का मोंत्
❖ अपिे उत्तरयों कय प्रमावर्त करें : अपने उत्तर के िमथिन में िाक्ष् प्रदान करें और िहाों आिश्यक ह , िास्तसिक
िीिन के उदाहरण ों और केि स्ट्र्ी का उपय ग करें ।
िैिे महाराष्टर के अहमदनगर सिले में क्टथथत वहिरे बािार िारत का आदशि गाों ि है। दे श में िबिे ज्यादा
िीर्ीपी िाला गाों ि।
❖ सरि भाषा में विखें: िाषा िरल, िमझने में आिान और शब्िाल िे मुक्त ह नी चासहए। िसटल िाषा के प्रय ग
िे बचें। इिके बिाय, ऐिे शब् ों का उपय ग करें सिन्हें िािििौसमक रूप िे िमझे िाने की िोंिािना ह । िरल और
आिानी िे िमझ में आने िाले िाक् सलखें।
❖ एक सोंतुवित विष्कषण दें : अभ्यथी के िमाधान-आधाररत दृसष्टक ण क दशाि ने के सलए एक सनष्कषि या आगे की राह
आिश्यक है ।
❖ र्ब्द सीमा का पािि करें : यूपीएििी उत्तर की लम्बाई के थिान पर गुणित्ता क असधक महत्व दे ता है । अत:
उत्तर शब् िीमा के िीतर ही ह ने चासहए।
❖ अभ्यास, अभ्यास और अभ्यास: यथािोंिि उत्तर सलखने का अभ्याि करें । उत्तर लेखन अभ्याि िे अभ्यथी क
िीसमत शब् ों में िटीक उत्तर सलखने में मदद समलती है ।
समय प्रबोंधि
प्रवत पेपर समय प्रबोंधि
❖ GS पेपर में एक अभ्यथी क 180 समनट में 20 प्रश्न हल करने ह ते हैं । इिका मतलब है सक एक उम्मीदिार क प्रसत
प्रश्न लगिग 7 िे 9 समनट समलते हैं ।
❖ उम्मीदिार क यह पता ह ना चासहए सक ििी प्रश्न ों क 3 घों टे के िीतर पूरा करने के सलए प्रत्येक प्रश्न के सलए िही
िमय कैिे आिोंसटत सकया िाए।
पूरे िमय क 3 अलग-अलग घोंट ों में सििासित करें । प्रश्न पत् क 8 आिान प्रश्न ,ों 7 औित प्रश्न ों और 5 कसठन
प्रश्न ों में सििासित करें ।
परीक्षा के पहले घोंटे के दौरान उन 8 प्रश्न ों के उत्तर दें सिन्हें आप बहुत अच्छे िे िानते हैं । 7 अगले घोंटे में और
बाकी 5 आक्टखरी घोंटे में।
❖ पहले घोंटे में उत्तर सदए गए प्रश्न ों क असधकतम िोंिि गसत िे सलखा िाना चासहए। किी िी केिल उन उत्तर ों पर
असधक िमय न खचि करें सिनके बारे में आपक लगता है सक आपकी पकड मिबूत है ।
❖ कुछ प्रश्न ऐिे िी ह िकते हैं सिनका आपक रत्ती िर िी ज्ञान न ह । उन प्रश्न ों क अोंत तक हल करने का प्रयाि
करें ।
❖ उत्तर िेखि का 7-5-3 वियम कई माशिल आसटि स्ट् के सर्सिक्टप्लन क र् पर आधाररत है । इि सनयम का पालन
करना काफी िरल है , क् सों क इिमें तीन िोंख्याएँ शासमल हैं ि िमग्र 360-सर्ग्री एप्र च प्रदान करती हैं :
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सात - अभ्यसथिय ों क प्रसत प्रश्न 7 समनट के िीतर प्रश्न ों का उत्तर दे ने का लक्ष् रखना चासहए।
पाोंच - उत्तर ों में कीिर्ि िे िोंबोंसधत 5 सबोंदु सलखें। उत्तर क बुलेट (सबोंदुओ)ों में सििासित करना फायदे मोंद ह गा।
तीि - सनम्नसलक्टखत बहुमूल् सबोंदुओों पर सिचार करते हुए, प्रश्न में िूचीबद्ध आिश्यकताओों के अनुिार प्रत्येक
सबोंदु क 3 आयाम ों में सिस्ताररत करें :
प्रश्नयों के विदे र्
सविस्तार स्पष्ट करिा: स्पष्ट करना अथाि त िाक्ष्, उदाहरण, तथ् आसद का उदाहरण के िाथ सकिी बात क स्पष्ट
करना है ।
❖ विगत िषों के प्रश्न: आत्मसनििर िमूह (एि-एच-िी-) बैंक अनुबोंधन कायििम (एि-बी-एल-पी-), ि सक िारत का
स्वयों का निाचार है , सनधिनता न्यूनीकरण और मसहला िशक्टक्तकरण कायििम ों में एक ििाि सधक प्रिािी कायििम
िासबत हुआ है । िसिस्तार स्पष्ट कीसिए। (यूपीएििी 2015)
❖ वटप्पर्ी: नीचे सदए गए उत्तर में, स्वयों िहायता िमूह ों के महत्व क केरल के कुदु म्बश्री िैिे उदाहरण ों के िाथ
िमझाया गया है । सकिी के सिचार का िमथिन करने और उत्तर क उसचत ठहराने के सलए ऐिे उदाहरण आिश्यक
हैं ।
प्रश्न. स्वयों सहायता समूह (एसएचिी) बैंक विोंकेि प्रयग्राम (एसबीएिपी), िय भारत का अपिा ििाचार है , सबसे
प्रभािी गरीबी उन्मूिि और मवहिा सर्खिकरर् कायणक्रमयों में से एक सावबत हुआ है । स्पष्ट करें । (200
र्ब्द, 12.5 अोंक)
उत्तर:
दृवष्टकयर्:
❖ पररचय: स्वयों िहायता िमूह (एिएचिी) बैंक सलोंकेि प्र ग्राम (एिबीएलपी) क्ा है और इिके उद्े श्य क्ा हैं ,
इिकी िोंसक्षप्त व्याख्या के िाथ शुरुआत करें ।
❖ मुख्य भाग: उदाहरण प्रदान करते हुए अपने उद्े श्य ों क प्राप्त करने में एिबीएलपी की प्रिािशीलता पर चचाि
करें ।
❖ विष्कषण: िामासिक-आसथिक चुनौसतय ों िे सनपटने में एक शक्टक्तशाली, िमािेशी और िमुदाय के नेतृत्व िाली
पहल के रूप में इसकी िूसमका पर ि र दे ते हुए सनष्कषि दीविए।
स्वयों िहायता िमूह (एिएचिी) बैंक सलोंकेि प्र ग्राम (एिबीएलपी) िारत में एक अनूठी पहल है सििका उद्े श्य स्वयों
िहायता िमूह क , सिशेष रूप िे िमाि के हासशए पर रहने िाले िगों की मसहलाओों क औपचाररक बैंसकोंग िेिाओों
तक पहुों चने में िक्षम बनाना है । 1992 में नाबार्ि (राष्टरीय कृसष और ग्रामीण सिकाि बैंक) द्वारा शुरू सकया गया। यह
कायििम िारत में गरीबी उन्मूलन और मसहला िशक्टक्तकरण के सलए िबिे प्रिािी उपकरण ों में िे एक िासबत हुआ है ।
बैंक सलोंकेि कायििम (एिबीएलपी) ने कम आय िगि की लाख ों मसहलाओों क औपचाररक बैंसकोंग िेिाओों
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तक पहुों चने में िक्षम बनाकर िारत में सित्तीय िमािेशन में महत्वपूणि य गदान सदया है ।
उदहारण के सलए, केरल राज्य में, कुटू म्बश्री पररययििा (ि एिबीएलपी मॉर्ल के तहत िोंचासलत ह ती है )
में 4 समसलयन िे असधक मसहला िदस्य हैं , ि इिे दे श की िबिे बडी मसहला िशक्टक्तकरण पररय िनाओों में
िे एक बनाती है ।
इन मसहलाओों क अपने िोंबोंसधत स्वयों िहायता िमूह ों के माध्यम िे ऋण, बचत और बीमा िेिाओों तक पहुों च
प्राप्त है ।
कायििम ने मसहलाओों क सित्तीय िोंिाधन ों और सनणिय लेने की शक्टक्त पर सनयोंत्ण दे कर िशक्त बनाया है ।
ग्रामीण आों ध्र प्रदे श में स्वयों िहायता िमूह पर इों सर्यन स्कूल ऑफ सबिनेि द्वारा सकए गए एक अध्ययन में
पाया गया सक कायििम में िाग लेने िाली मसहलाओों ने अपने घर ों में िौदे बािी की शक्टक्त बढाई और अपने
िमुदाय ों के िीतर क्टथथसत में िुधार सकया।
स्वयों िहायता िमूह ने मसहलाओों के बीच उद्यसमता और कौशल सिकाि क िी बढािा सदया है ।
उदाहरण के सलए, तसमलनार्ु में, महासलर सथत्तम कायििम ने मसहलाओों क आिश्यक कौशल प्रसशक्षण और
ऋण िुसिधाएों प्रदान करके मुगीपालन िे लेकर हस्तसशि तक अपना लघु व्यििाय शुरू करने में मदद की
है ।
❖ गरीबी उन्मूिि:
बैंक सलोंकेि कायििम (एिबीएलपी) ने गरीबी उन्मूलन में िी महत्वपूणि िूसमका सनिाई है ।
सिश्व बैंक की एक ररप टि के अनुिार, सबहार के िीसिका कायििम (ि एिएचिी मॉर्ल पर िोंचासलत ह ता है )
ने िात िषों की अिसध में लगिग 600,000 पररिार ों क गरीबी रे खा िे बाहर सनकाला है ।
❖ सामाविक प्रभाि:
आसथिक लाि के अलािा, स्वयों िहायता िमूह ों का गहरा िामासिक प्रिाि िी पडा है ।
सबहार और उत्तर प्रदे श िैिे राज्य ों में, मसहला स्वयों िहायता िमूह स्वच्छता, सशक्षा और स्वास्थ्य िागरूकता
िैिे िामासिक असियान ों में िबिे आगे रहे हैं , और अपने िमुदाय ों के िमग्र सिकाि में य गदान दे रहे हैं ।
बैंक सलोंकेि कायििम (एिबीएलपी) ने माइि िेसर्ट और एिएचिी पर अपने प्रयाि ों के माध्यम िे न केिल सित्तीय
िमािेशन क िक्षम सकया है बक्टि मसहलाओों क िशक्त बनाया है , उद्यमशीलता क बढािा सदया है और गरीबी क
कम सकया है । यह िामासिक-आसथिक चुनौसतय ों िे सनपटने में निीन, िमािेशी और िमुदाय के नेतृत्व िाली पहल की
शक्टक्त के प्रमाण के रूप में खडा है ।
❖ विगत िषों के प्रश्न: दु गिम क्षेत् एिों कुछ दे श ों के िाथ शत्ुतापूणि िोंबोंध के कारण िीमा प्रबोंधन एक कसठन कायि है ।
प्रिािशाली िीमा प्रबोंधन की चुनौसतय ों एिों रणनीसतय ों पर प्रकाश र्ासलए। (200 शब्, 12.5 अोंक) (यूपीएििी
2016)
❖ वटप्पर्ी: "स्पष्टीकरण या प्रकटीकरण “ में उदाहरण और िाक्ष् सदखाए गए हैं - नेपाल, बाों ग्लादे श, म्ाों मार आसद
दे श ों के उदाहरण सदये गये है ।िारत के िाथ िीमा िाझा करना या िूसम िीमा िमझौता, ये उदाहरण उत्तर में
स्पष्टता ि डते हैं ।
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प्रश्न. कविि भूभाग और कुछ दे र्यों के साथ र्त्रुतापूर्ण सोंबोंधयों के कारर् सीमा प्रबोंधि एक िवटि कायण है ।
प्रभािी सीमा प्रबोंधि के विए चुिौवतययों और रर्िीवतययों कय स्पष्ट करें । (200 र्ब्द, 12.5 अोंक)
उत्तर:
दृवष्टकयर्:
❖ पररचय: िारत में िीमा प्रबोंधन की िसटलता के िोंसक्षप्त अिल कन िे शुरुआत करें ।
❖ मुख्य भाग:
❖ विष्कषण: इि बात पर ि र दे ते हुए सनष्कषि सनकालें सक प्रिािी िीमा प्रबोंधन एक ितत प्रसिया है सििके सलए
रणनीसतक य िना, तकनीकी उन्नयन, ढाों चागत िुधार, रािनसयक प्रयाि और अोंतर-एिेंिी िमन्वय की
आिश्यकता ह ती है ।
अपनी असद्वतीय िौग सलक सिसिधता और कुछ पड िी दे श ों के िाथ तनािपूणि िोंबोंध ों के कारण िारत में िीमा प्रबोंधन
एक िसटल कायि है । राष्टरीय िुरक्षा, शाोंसतपूणि अोंतराि ष्टरीय िोंबोंध ों और अिैध गसतसिसधय ों पर अोंकुश लगाने के सलए प्रिािी
प्रबोंधन महत्वपूणि है ।
सीमा प्रबोंधि में चुिौवतयाँ:
❖ कविि इिाका:
❖ र्त्रुतापूर्ण सोंबोंध:
पासकस्तान और चीन िैिे दे श ों के िाथ तनािपूणि िोंबोंध ों के पररणामस्वरूप बार-बार िीमा सििाद और तनाि
ह ता है , सिििे प्रबोंधन िसटल ह िाता है ।
❖ सरों ध्रता:
सछद्रपूणि िीमाएँ , सिशेष रूप िे नेपाल, बाों ग्लादे श और म्ाोंमार के िाथ, तस्करी, मानि तस्करी और घुिपैठ
िैिी अिैध गसतसिसधय ों क िुसिधािनक बनाती हैं ।
िडक, बाड और सनगरानी उपकरण िैिे पयाि प्त बुसनयादी ढाों चे की कमी प्रिािी िीमा गश्त और सनगरानी में
बाधा र्ालती है ।
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❖ बुवियादी ढाोंचे का विकास: िडक, बाढ और िीमा चौसकय ों िैिे िीमा बुसनयादी ढाों चे क बढाने िे गश्त में िुधार
ह िकता है और अिैध गसतसिसधय ों क र का िा िकता है।
❖ बेहतर कूटिीवत: रािनसयक िोंिाद और िमझौत ों के माध्यम िे िीमा सििाद ों क हल करने िे िीमा प्रबोंधन
आिान ह िकता है । उदाहरण के सलए, 2015 में बाों ग्लादे श के िाथ िूसम िीमा िमझौते ने लोंबे िमय िे चले आ
रहे िीमा मुद् ों का िमाधान सकया।
❖ समखित प्रयास: िारत में िमक्टन्वत िीमा प्रबोंधन (िीबीएम) दृसष्टक ण के कायािन्वयन में प्रिािी िीमा प्रबोंधन के
सलए िीमा िुरक्षा बल (बीएिएफ), खुसफया एिेंसिय ों और थथानीय प्रशािन िैिी कई एिेंसियाों शासमल हैं ।
चुनौसतय ों के बाििूद, रणनीसतक य िना, तकनीकी उन्नसत, ढाों चागत सिकाि, रािनसयक प्रयाि ों और िमक्टन्वत अोंतर-
एिेंिी िोंचालन के माध्यम िे प्रिािी िीमा प्रबोंधन प्राप्त सकया िा िकता है । यह एक ितत प्रसिया है सििमें उिरती
चुनौसतय ों िे सनपटने के सलए सनयसमत िमीक्षा और अपर्े ट की आिश्यकता ह ती है ।
मूल्याोंकि/ परीक्षर्: सकिी सिषय या मुद्े के िम्बन्ध में अपने मूल्ाों कन के आधार पर सनणिय प्रस्तुत करने का प्रयाि
करें । आप सनष्कषों या कथन िे सकि हद तक िहमत या अिहमत हैं ? तथ् ों के िाथ अपनी राय का िमथिन करें और
बताएों सक आपने अपनी पिोंद कैिे बनाई।
❖ विगत िषों के प्रश्न: िाइबरस्पेि दे श के सलए खतरा प्रस्तुत करता है , िारत क ऐिे अपराध ों क र कने के सलए एक
“सर्सिटल िशस्त्र बल” की आिश्यकता है । राष्टरीय िाइबर िुरक्षा नीसत, 2013 के प्रिािी कायाि न्वयन में सदखाई दे ने
िाली चुनौसतय ों की रूपरे खा प्रस्तुत करते हुए, इि नीसत का िमाल चनात्मक मूल्ाों कन कीसिए। (यूपीएििी, 2015)
❖ वटप्पर्ी: मूल्ाों कन के सलए नीचे सदए गए उत्तर में राष्टर िाइबर िुरक्षा नीसत, 2013 पर आिश्यक चचाि के बाद
सिसिन्न आयाम ों पर आधाररत आल चनात्मक मूल्ाों कन प्रदान सकया गया है ।
प्रश्न. दे र् के विए साइबरस्पेस के खतरयों कय दे खते हुए, भारत कय अपराधयों कय रयकिे के विए एक "विविटि
सर्स्त्र बि" की आिश्यकता है । राष्टरीय साइबर सुरक्षा िीवत, 2013 का आियचिात्मक मूल्याोंकि करें और
इसके प्रभािी कायाणियि में आिे िािी चुिौवतययों कय रे खाोंवकत करें । (200 र्ब्द, 12.5 अोंक)
उत्तर:
दृवष्टकयर्:
❖ पररचय: िारत की राष्टरीय िाइबर िुरक्षा नीसत, 2013 और इि िोंदिि में इिकी प्रािोंसगकता का िोंक्षेप में
उिेख करें ।
❖ मुख्य भाग:
नीसत के प्रिािी कायािन्वयन क प्रिासित करने िाले प्रमुख मुद् ों पर चचाि करें ।
िाइबरस्पेि के प्रिार ने तेिी िे सिकाि में िक्षम करते हुए, िारत क नए खतर ों और चुनौसतय ों िे िी पररसचत कराया
है । इन खतर ों के ििाब में िारत िरकार ने राष्टरीय िाइबर िुरक्षा नीसत, 2013 लागू सकया है । हालाँ सक इि नीसत क
कुछ चुनौसतय ों का िामना करना पडा है सिन्हें प्रिािी कायािन्वयन के सलए िोंब सधत करने की आिश्यकता है ।
राष्टरीय साइबर सुरक्षा िीवत 2013:
❖ नीसत का उद्े श्य एक िुरसक्षत िाइबरस्पेि पाररक्टथथसतकी तोंत् थथासपत करना, िैसश्वक मानक ों का अनुपालन
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िुसनसित करना, िाइबर िुरक्षा कायिबल क प्रिािी बनाना और िाइबर िुरक्षा अनुिोंधान क प्र त्सासहत करना है ।
2018 तक िाइबर िुरक्षा में कुशल 500,000 पेशेिर ों का कायिबल तैयार करना।
िीवत के प्रभािी कायाणियि कय प्रभावित करिे िािे प्रमुख मुद्दे: आियचिात्मक मूल्याोंकि
❖ िागरूकता और अिुपािि:
इिकी व्यापक प्रकृसत के बाििूद नीसत के प्रसत िागरूकता और अनुपालन िीसमत है , खािकर छ टे और
मध्यम उद्यम ों के बीच।
िाइबर िुरक्षा का बुसनयादी ढाों चा िाइबर नीसत की आकाोंक्षाओों के िाथ तालमेल सबठाने में धीमा रहा है ।
िारतीय र्े टा िुरक्षा पररषद के एक अध्ययन के अनुिार, नीसत क प्रिािी ढों ग िे लागू करने के सलए िारत
क 2025 तक िाइबर िुरक्षा प्रौद्य सगसकय ों और बुसनयादी ढाों चे में 100 सबसलयन रुपये िे असधक के
असतररक्त सनिेश की आिश्यकता है ।
िाइबर िुरक्षा उपाय ों क लागू करने के सलए प्रसशसक्षत कसमिय ों की िारी कमी है ।
नैिकॉम के अनुिार, िारत क 2020 तक 1 समसलयन िाइबर िुरक्षा पेशेिर ों की आिश्यकता ह गी, ि
2018 तक नीसत के 500,000 के लक्ष् िे एक महत्वपूणि अोंतर क उिागर करता है ।
❖ वियामक ढाोंचा:
िैसश्वक मानक ों के अनुपालन के नीसत के उद्े श्य क व्यापक र्े टा िोंरक्षण कानून की अनुपक्टथथसत के कारण
बाधाओों का िामना करना पडता है ।
मौिूदा िूचना प्रौद्य सगकी असधसनयम, 2000 क अक्सर आधुसनक िाइबर िुरक्षा खतर ों िे सनपटने के सलए
अपयाि प्त माना िाता है ।
राष्टरीय िाइबर िुरक्षा नीसत- 2013, िारत की िाइबर िुरक्षा क मिबूत करने में एक महत्वपूणि कदम थी। हालाँ सक,
नीसत के प्रिािी कायािन्वयन के सलए एक अद्यतन सनयामक ढाों चे, बुसनयादी ढाों चे और प्रौद्य सगकी में महत्वपूणि सनिेश, एक
बडे प्रसशसक्षत कायिबल और व्यापक अनुपालन और िागरूकता की आिश्यकता है । ये िुधार असधक िुरसक्षत सर्सिटल
िारत का मागि प्रशस्त करें गे।
परीक्षर्/ िाोंच करें : सिषय िे िोंबोंसधत मुख्य सििरण, तथ् ों और महत्वपूणि मुद् ों ध्यानपूििक िमझे एिों मुद्े का
आल चनात्मक मूल्ाों कन करें ।
❖ विगत िषों के प्रश्न: िािििसनक-सनिी िागीदारी (पीपीपी) मॉर्ल के अधीन िोंयुक्त उद्यम ों के माध्यम िे िारत में
सिमानपत्तन ों के सिकाि का परीक्षण कीसिये। इि िोंबोंध में प्रासधकरण ों के िमक्ष कौन िी चुनौसतयाँ हैं ? (2017)
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❖ वटप्पर्ी: िैिा सक नीचे सदए गए उदाहरण में सदया गया है , पीपीपी मॉर्ल का महत्व और चुनौसतयाों दी गई हैं और
मुद्े की गहन िाों च प्रस्तुत की गई है ।
प्रश्न. सािणिविक-वििी भागीदारी (पीपीपी) मॉिि के तहत सोंयुि उद्यमयों के माध्यम से भारत में हिाई अड्यों के
विकास की िाोंच करें । इस सोंबोंध में प्रावधकाररययों के समक्ष कौि सी चुिौवतयाँ हैं ? (150 र्ब्द, 10 अोंक)
उत्तर:
दृवष्टकयर्:
❖ मुख्य भाग:
❖ विष्कषण: यह बताते हुए सनष्कषि सनकालें सक लचीलेपन की एक सनसित क्टथथसत ऐिी पररय िनाओों में आने िाली
कई िमस्याओों का िमाधान करे गी।
िािििसनक-सनिी िागीदारी (पीपीपी) िािििसनक िेिाओों और बुसनयादी ढाों चे के प्रािधान में ि क्टखम और लाि िाझा
करने के सलए िािििसनक और सनिी पक्ष ों के बीच औपचाररक रूप िे थथासपत िमझौते हैं । सिश्व बैंक के अनुिार, िारत
कायाि न्वयन के सिसिन्न चरण ों में करीब 2000 पीपीपी (PPP) पररय िनाओों के िाथ पीपीपी के सलए तत्परता के मामले में
अग्रणी दे श ों में िे एक है ।
िीएमआर, िीिीके और अदानी ग्रुप िैिे सनिी क्षेत् ों क शासमल करने के िारत के फैिले िे सिमान यातायात में िुधार
हुआ है । इििे हिाई अड् ों की दक्षता और क्षमता बेहतर हुई है । इििे िारतीय सिमानपत्तन प्रासधकरण क िारी लािाों श
िी समला है । सनिी हिाई अड्े बढे हुए यातायात और अन्य गैर-हिाई रािस्व अििर ों िे बडा मुनाफा कमा रहे हैं ।
हिाईअड्ा पररययििाओों में सािणिविक वििी भागीदारी (पीपीपी) कय प्राथवमकता दी िाती है क्योंवक:
❖ हिाई अड्यों का विकास और रखरखाि एक महों गा मामिा है : हिाई अड्े के बुसनयादी ढाों चे का सिकाि,
आधुसनकीकरण और रखरखाि महों गा है िबसक सिमानन के सलए िािििसनक क्षेत् के पाि धन िीसमत है । पीपीपी
सनिी क्षेत् की पूोंिी और प्रौद्य सगकी तक पहुों च प्रदान करके मदद कर िकते हैं ।
❖ समयबद्ध और िागत प्रभािी: िबसक िािििसनक क्षेत् की पररय िनाएों अक्सर अक्षमताओों के कारण सपछडती
दे खी िाती हैं , सनिी क्षेत् का िहय ग यह िुसनसित करता है सक पररय िनाएों िमय पर और लागत-कुशल तरीके िे
पूरी ह ।ों
❖ बेहतर सेिाएों : हिाई अड् ों क उच्च गुणित्ता िाली िेिाओों िे िुिक्टित सकया िाएगा। यह सनिी कोंपसनय ों के सलए
रािस्व स्र त के रूप में काम करे गा िबसक ल ग ों क गुणित्तापूणि िेिा का लाि समलेगा।
❖ प्रवतस्पधाण में िृखद्ध: सनिी क्षेत् के प्रिेश िे ऐिे क्षेत् में प्रसतस्पधाि शुरू ह िाएगी ि अन्यथा एएआई का एकासधकार
ह गा। इििे िेिा में िुधार ह गा और हिाई अड्े के बुसनयादी ढाों चे के आधुसनकीकरण की अनुमसत समलेगी।
हिाई अड्यों के विकास का पीपीपी मॉिि, प्रावधकारीययों के विए विम्नविखखत चुिौवतयाँ पैदा कर रहा है :
❖ िोंपूणि सिमानन क्षेत् के सलए एक सनयामक ढाों चे का अिाि है ।
❖ िौकररययों में कमी: सनिी कोंपसनयाँ हमेशा िीसमत िोंख्या में कमिचाररय ों के िाथ असधक लाि प्राप्त करने की आशा
रखती हैं , सििके पररणामस्वरूप नौकररयाँ छूट िाती हैं ।
❖ िोंपसत्त की क्टथथसत, सनमाि ण लागत, िोंचालन ि क्टखम, गैर-बीमा य ग्य ि क्टखम आसद िैिे क्षेत् ों में सनिी क्टखलासडय ों क
ि क्टखम हस्ताों तरण की सर्ग्री पर स्पष्टता की कमी है ।
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❖ ररयायती िमझौते, रािस्व िाझाकरण और टै ररफ िोंरचना ढाों चे में स्पष्टता का अिाि। टै ररफ अक्सर सनिी क्टखलाडी
के सििेक पर आधाररत ह ते हैं ।
❖ सरकार की भूवमका: िरकार की ओर िे िूसम असधग्रहण के मुद् ों के कारण पररय िनाओों में कई बार दे री ह ती है ,
सिििे लागत बढ िाती है ।
ितिमान में इि क्षेत् के िामने आने िाली ििी िमस्याओों क दू र करने के सलए िािििसनक और सनिी क्षेत् के बीच िमझ
कठ र नहीों बक्टि लचीली ह नी चासहए। इि क्षेत् में सिसिन्न चुनौसतय ों िे सनपटने के सलए उठाए गए कदम िारत में तेिी िे
बढते सिश्व स्तरीय सिमानन क्षेत् के माध्यम िे िल्द ही पररणाम दें गे।
आियचिात्मक / समाियचिात्मक परीक्षर्: मुद्े के पक्ष और सिपक्ष द न ों बताएों और उिके बाद एक िोंतुसलत सनष्कषि
सनकालें।
❖ विगत िषों के प्रश्न: िारत ने चोंद्रयान ि मोंगल कक्षीय समशन ों िसहत मानि-रसहत अोंतररक्ष समशन ों िे अिाधरण
िफलता प्राप्त की है , लेसकन मानि-िसहत अोंतररक्ष समशन ों में प्रिेश का िहारा नही सकया है । मानि-िसहत
अोंतररक्ष समशन लोंच करने में प्रौद्य सगकी ि िुप्रचालसनक िसहत मुख्य रुकािटे क्ा हैं ? िमाल चनात्मक परीक्षण
कीसिये (यूपीएििी 2017)
❖ वटप्पर्ी: आल चनात्मक परीक्षण के मामले में, िैिा सक नीचे सदए गए उत्तर में सदया गया है , अोंतररक्ष समशन ों के
प्रमुख पेशेिर ों और सिपक्ष ों के िाथ एक आशािादी सनष्कषि प्रदान सकया गया है ।
प्रश्न. भारत िे चोंद्रयाि और मोंगि ऑवबणटर वमर्ि सवहत माििरवहत अोंतररक्ष अवभयाियों में उल्लेखिीय सफिताएों
हावसि की हैं , िे वकि मािियुि अोंतररक्ष वमर्ि में कदम िही ों रखा है । प्रौद्ययवगकी और पररचािि दयियों के
सोंदभण में मािियुि अोंतररक्ष वमर्ि र्ुरू करिे में मुख्य बाधाएँ क्ा हैं ? आियचिात्मक परीक्षर् कीविये।
(150 र्ब्द, 10 अोंक)
उत्तर:
दृवष्टकयर्:
❖ पररचय: मोंगल ऑसबिटर समशन और चोंद्रयान िैिे मानि रसहत अोंतररक्ष असियान ों में िारत की िफलता क
स्वीकार करते हुए शुरुआत करें ।
❖ मुख्य भाग:
प्रौद्य सगकी और रिद द न ों के िोंदिि में मानियुक्त अोंतररक्ष समशन शुरू करने में मुख्य बाधाओों पर चचाि
करें ।
❖ विष्कषण: मानि अोंतररक्ष समशन की सदशा में प्रगसत के एक उदाहरण के रूप में सनय सित गगनयान समशन के
िाथ, इन चुनौसतय ों पर काबू पाने के सलए िारत में चल रहे प्रयाि ों पर ध्यान दे ते हुए सनष्कषि सनकालें।
मािि ऑसबिटर समशन (एमओएम) और चोंद्रयान िैिे मानि-रसहत अोंतररक्ष असियान ों में िारत की िफलता िराहनीय रही
है । सफर िी, यह अब तक मानियुक्त अोंतररक्ष समशन नहीों िेि पाया। मानियुक्त अोंतररक्ष समशन शुरू करने की प्राथसमक
चुनौसतयाँ बहुआयामी हैं , सिनमें तकनीकी िे लेकर रसद तक शासमल हैं ।
तकिीकी चुिौवतयाँ:
❖ उन्नत प्रौद्ययवगकी: मानियुक्त समशन ों के सलए मानिरसहत समशन ों की तुलना में असधक पररष्कृत प्रौद्य सगकी की
आिश्यकता ह ती है ।
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उदाहरण के सलए, अोंतररक्ष में मानि िीिन का िमथिन करने के सलए एक िुरसक्षत और सिश्विनीय िू- मॉड्यूल
का सिकाि एक िसटल कायि है ।
❖ िॉन्च और ररकिरी वसस्टम: सिश्विनीय लॉन्च सिस्ट्म का ह ना आिश्यक है ि चालक दल की िुरक्षा िुसनसित
करते हुए आिश्यकता पडने पर समशन क रद् कर िके। इिी तरह, अोंतररक्ष यासत्य ों क िुरसक्षत रूप िे पृथ्वी पर
िापि लाने के सलए पुनप्राि क्टप्त प्रणासलयाँ महत्वपूणि हैं , िापिी की यात्ा अक्सर बाहरी यात्ा िे िी असधक खतरनाक
ह ती है ।
माििीय कारक:
❖ िीिि समथणि प्रर्ावियाँ: शून्य गुरुत्वाकषिण, सिसकरण और अलग-अलग तापमान िैिे मुद् ों के िाथ अोंतररक्ष के
कठ र िातािरण में मानि िीिन क बनाए रखने के सलए मिबूत िीिन िमथिन प्रणासलय ों की आिश्यकता ह ती है ।
इन प्रणासलय ों क चालक दल के सलए ऑक्सीिन, ि िन, अपसशष्ट प्रबोंधन और यहाों तक सक मन िैज्ञासनक कारक ों
का िी ध्यान रखना ह गा।
❖ अोंतररक्ष यात्री प्रवर्क्षर्: पयाि प्त अोंतररक्ष यात्ी प्रसशक्षण आिश्यक है । अोंतररक्ष यात्ा के सलए प्रसशक्षण में कई
कौशल ों में महारत हासिल करना शासमल है , सििमें अोंतररक्ष यान का िोंचालन, आपातकालीन क्टथथसतय ों िे सनपटना
और एक िीसमत थथान में लोंबे िमय तक िामना करना शासमल है ।
❖ अोंतररक्ष यात्री प्रवर्क्षर्: चयसनत अोंतररक्ष यात्ी उम्मीदिार ितिमान में अोंतररक्ष यात्ा की माों ग ों और चुनौसतय ों की
तैयारी के सलए गहन प्रसशक्षण िे गुिर रहे हैं ।
❖ उन्नत तकिीकी विकास: इिर उन्नत प्रौद्य सगसकय ों िैिे हे िी-सलफ्ट लॉन्च िाहन (इिर ऑसबिटल व्हीकल) और
समशन िमाक्टप्त के दौरान चालक दल के बचाि के सलए सिस्ट्म के सिकाि पर काम कर रहा है ।
❖ वििी भागीदारी कय प्रयत्सावहत करिा: एक स्वतोंत् सनकाय IN-SPACe की थथापना का उद्े श्य अोंतररक्ष क्षेत् में
सनिी क्षेत् की िागीदारी क सिसनयसमत करना और बढािा दे ना है , सिििे एक असधक मिबूत और सटकाऊ अोंतररक्ष
पाररक्टथथसतकी तोंत् का सनमाि ण ह िके।
❖ वित्तीय प्रवतबद्धता: िारत िरकार ने गगनयान समशन के सलए 10,000 कर ड रुपये का बिट आिोंसटत सकया। यह
िारत की अोंतररक्ष अन्वेषण क्षमताओों के सिकाि और उन्नसत के सलए अपनी सित्तीय प्रसतबद्धता क प्रदसशित करता हैं ।
इन चुनौसतय ों के बाििूद, िारत अपना पहला मानि समशन गगनयान लॉन्च करने की सदशा में प्रयाि कर रहा है , ि दे श
की अोंतररक्ष अन्वेषण क्षमताओों के सलए एक नए युग की शुरुआत कर िकता है ।
वटप्पर्ी / टीका/ मोंतव्य: सटप्पणी के अोंतगित सकिी सिषय के मुख्य सबोंदु प्रस्तुत करें । तकि एिों प्रािोंसगक िाक्ष् ों का प्रय ग
करते हुए अपनी सिचार प्रस्तुत करें ।
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❖ विगत िषों के प्रश्न: 'अमेररका और यूर पीय दे श ों की रािनीसत और अथिव्यिथथा में िारतीय प्रिासिय ों की सनणाि यक
िूसमका सनिानी है ।' उदाहरण िसहत सटप्पणी करें । (यूपीएििी, 2020)
❖ वटप्पर्ी: ऐिे प्रश्न ों में आमतौर पर एक कथन सदया िाता है और उि पर सटप्पणी करने क कहा िाता है । िैिा सक
नीचे सदए गए उदाहरण में मुख्य सबोंदुओों का उिेख सकया गया है । इिमें अपनी राय दे ना िी िरूरी है , ि
आशािादी, िसिष्यिादी और कल्ाण न्मुखी ह ।
प्रश्न: 'अमेररका और यूरयपीय दे र्यों की राििीवत और अथणव्यिस्था में भारतीय प्रिावसययों की विर्ाणयक भू वमका है '।
उदाहरर् सवहत वटप्पर्ी करें ।
उत्तर:
दृवष्टकयर्:
पररचय: िारतीय प्रिासिय ों के महत्व पर िोंक्षेप में चचाि करके अपना उत्तर प्रारों ि करें ।
❖ मुख्य भाग: चचाि करें सक सकि तरह िे प्रिािी िारतीय अमेररका और यूर पीय दे श ों की रािनीसत और
अथिव्यिथथा क प्रिासित करते हैं ।
सिदे श मोंत्ालय की एक ररप टि के अनुिार, िारत के बाहर 32 समसलयन एनआरआई और पीआईओ (ओिीआई िसहत)
रहते हैं और प्रिािी िारतीय दु सनया के िबिे बडे प्रिािी हैं । हर िाल 2.5 समसलयन (25 लाख) िारतीय सिदे श प्रिाि
करते हैं , ि दु सनया में प्रिासिय ों की िबिे असधक िासषिक िोंख्या है । िारत के सिशाल प्रिािी िोंयुक्त अरब अमीरात (3.5
समसलयन), िोंयुक्त राज्य अमेररका (2.7 समसलयन) और िऊदी अरब (2.5 समसलयन) में फैले हुए हैं । बडी िोंख्या में िारतीय
प्रिासिय ों की मेिबानी करने िाले अन्य दे श ों में ऑस्ट्र े सलया, कनार्ा, कुिैत, ओमान, पासकस्तान, कतर और यूनाइटे र्
सकोंगर्म शासमल हैं ।
❖ आवथणक ययगदाि:
वििेर् और उद्यवमता: यूर प और अमेररका में िारतीय प्रिासिय ों ने पयाि प्त सनिेश सकया है और िफल
व्यििाय थथासपत सकए हैं , सिििे र िगार के अििर पैदा हुए हैं । उदाहरण के सलए, सिसलकॉन िैली में िारतीय
उद्यसमय ों ने तकनीकी उद्य ग के सिकाि में य गदान सदया है ।
प्रेषर्: िारतीय प्रिािी लगातार िारत में प्रेषण िेिते हैं , ि सिदे शी मुद्रा का एक महत्वपूणि स्र त प्रदान करता
है और दे श के आसथिक सिकाि का िमथिन करता है । यूर प और अमेररका िे िेिा गया धन िारत की
अथिव्यिथथा में महत्वपूणि य गदान दे ता है ।
व्यापार: यूर प और अमेररका में िारतीय प्रिासिय ों ने िारत और इन क्षेत् ों के बीच व्यापार के सिस्तार क
िुसिधािनक बनाया है । िे सद्वपक्षीय व्यापार क बढािा दे ने और सनिेश आकसषित करने में िसिय रूप िे िोंलग्न
हैं ।
❖ राििीवतक ययगदाि:
प्रवतविवधत्व: िारतीय प्रिािी िदस्य ों ने यूर प और अमेररका में रािनीसतक प्रसतसनसधत्व हासिल सकया है ।
उदाहरण के सलए, कई िारतीय मूल के रािनेता यूर पीय िोंिद और िोंयुक्त राज्य अमेररका में िरकार के
सिसिन्न स्तर ों पर पद ों पर हैं ।
िॉवबोंग: यूर प और अमेररका में िारतीय प्रिािी अपने सहत ों और सचोंताओों क बढािा दे ने के सलए िसिय रूप
िे लॉसबोंग प्रयाि ों में लगे हुए हैं । िे ऐिी नीसतय ों की िकालत करते हैं सिििे िारत और प्रिािी िमुदाय द न ों
क लाि ह ।
प्रभाि: िारतीय प्रिासिय ों के रािनीसतक य गदान का यूर प और अमेररका की रािनीसत पर महत्वपूणि प्रिाि
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पडा है । िे नीसतय ों क आकार दे ने के सलए अपने प्रिाि का उपय ग करते हैं , सिशेष रूप िे आप्रिािन,
सिसिधता और िारत के िाथ सद्वपक्षीय िोंबोंध ों के िोंबोंध में।
❖ उदाहरर्:
िोंयुक्त राज्य अमेररका में, िारतीय-अमेररकी िमुदाय ने 2020 के अमेररकी राष्टरपसत चुनाि ों में महत्वपूणि
िूसमका सनिाई। उन्ह न
ों े मतदाता आउटरीच असियान, धन उगाहने की पहल का आय िन सकया और
उम्मीदिार ि सबर्े न के सलए िमथिन िुटाया, सिन्ह न
ों े उनके य गदान क स्वीकार सकया और महत्व सदया।
यूके में ब्रेक्टक्सट िनमत िोंग्रह असियान के दौरान, िारत और यूके के बीच व्यापार, आव्रिन और िाोंस्कृसतक
आदान-प्रदान पर ब्रेक्टक्सट के प्रिाि पर अपने दृसष्टक ण व्यक्त करते हुए, िारतीय प्रिासिय ों ने िसिय रूप िे
चचाि , बहि और असियान ों में िाग सलया।
कनार्ा में, िारतीय प्रिािी अप्रिािी असधकार ों और सिसिध िमुदाय ों का िमथिन करने िाली नीसतय ों की
िकालत करने में मुखर रहे हैं। उन्ह न
ों े िरकारी सनणिय ों और नीसतय ों क िफलतापूििक प्रिासित सकया है ि
िारतीय प्रिािी और अन्य आप्रिािी िमूह ों क िकारात्मक रूप िे प्रिासित करते हैं ।
❖ विष्कषण:
❖ विगत िषों के प्रश्न: िारतीय सिश्वसिद्यालय ों में िैज्ञासनक अनुिोंधान का स्तर सगरता िा रहा है , क् सों क सिज्ञान में
कैररयर उतना आकषिक नहीों है सितना सक िह कार बार व्यििाय, अवियां विकी या प्रशािन में है , और
सिश्वसिद्यालय उपि क्ता-उन्मुखी ह ते िा रहे हैं । िमाल चनात्मक सटप्पणी कीसिए। (यूपीएििी 2014)
❖ वटप्पर्ी: ऐिे प्रश्न ों में सिषय के बारे में िकारात्मक और नकारात्मक द न ों सबोंदुओों का उिेख सकया िाना चासहए।
हालाँ सक, आपकी राय िे सनकला सनष्कषि िसिष्यिादी और आशािादी ह ना चासहए।
प्रश्न. भारतीय विश्वविद्यािययों में िैज्ञाविक अिुसोंधाि कम हय रहा है , क्योंवक विज्ञाि में कररयर उतिा आकषणक
िही ों है वितिा व्यािसावयक पेर्े, अष्टिय ांष्टिकी या प्रर्ासि हैं , और विश्वविद्यािय उपभयिा-उन्मुख हयते िा
रहे हैं । आियचिात्मक वटप्पर्ी करें . (200 र्ब्द, 12.5 अोंक)
उत्तर:
दृवष्टकयर्:
❖ पररचय: पररचय िारतीय सिश्वसिद्यालय ों में घटते िैज्ञासनक अनुिोंधान के दािे क प्रस्तुत करे गा और इिका श्रेय
व्यििाय, इों िीसनयररों ग और प्रशािन व्यििाय ों के प्रसत आकषिण क दे गा।
❖ मुख्य भाग: उत्तर का मुख्य िाग द मुख्य खोंर् ों में सििासित सकया िाएगा:
मुद्े
❖ आगे की राह
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❖ विष्कषण: सनष्कषि चचाि क िाराों सशत करे गा और िारतीय सिश्वसिद्यालय ों में िैज्ञासनक अनुिोंधान क पुनिीसित
करने के सलए एक बहुआयामी दृसष्टक ण की आिश्यकता क रे खाों सकत करे गा।
िारतीय सिश्वसिद्यालय ों में िैज्ञासनक अनुिोंधान में सगरािट का मुद्ा बहुआयामी है और िैकक्टिक कैररयर पथ ों के आकषिण
िे परे तक फैला हुआ है । हालाों सक यह िच है सक व्यििाय, इों िीसनयररों ग और प्रशािन में पेशे तत्काल आकषिक
िोंिािनाएों प्रदान कर िकते हैं , कई अन्य प्रणालीगत मुद्े क्टथथसत में य गदान करते हैं ।
मुद्दे / समस्याएँ :
❖ फोंविों ग सोंबोंधी बाधाएँ : िैज्ञासनक अनुिोंधान के सलए िीसमत फोंसर्ों ग अक्सर सिश्वसिद्यालय ों की व्यापक, उच्च-गुणित्ता
िाले अनुिोंधान करने की क्षमता में बाधा उत्पन्न करती है ।
उदाहरण के सलए, 2020-21 के बिट में सिज्ञान और प्रौद्य सगकी सििाग के सलए बिट आिोंटन िकल घरे लू
उत्पाद का लगिग 0.8% था, ि सिकसित दे श ों की तुलना में काफी कम है ।
❖ अपयाणप्त बुवियादी ढाोंचा: सिश्व स्तरीय प्रय गशालाओों, उपकरण ों और अनुिोंधान बुसनयादी ढाों चे की कमी अक्सर
इच्छु क श धकताि ओों क हत त्सासहत करती है ।
❖ प्रर्ासविक बाधाएँ : नौकरशाही लालफीताशाही और प्रशािसनक दे री अनुिोंधान पररय िनाओों की प्रगसत क काफी
धीमा कर िकती है ।
❖ सहययग का अभाि: िीसमत उद्य ग-अकादसमक िहय ग अनुिोंधान के व्यािहाररक प्रदशिन और प्रय ज्यता क
प्रसतबोंसधत कर िकता है ।
उपभयिा-उन्मुख विश्वविद्यािय:
❖ सिश्वसिद्यालय ों के 'उपि क्ता-उन्मुख' बनने की बढती प्रिृसत्त एक और सचोंता का सिषय है ।
❖ उच्च सशक्षा िोंथथान शुद्ध सिज्ञान सिषय ों के बिाय इों िीसनयररों ग और प्रबोंधन िैिे नौकरी-उन्मुख पाठ्यिम ों पर ध्यान
केंसद्रत कर रहे हैं ि तत्काल र िगार प्रदान करते हैं ।
❖ नौकरी-उन्मुख कौशल प्राप्त करने के सलए व्यापक ओपन ऑनलाइन पाठ्यिम (एमओओिी) की ल कसप्रयता इि
प्रिृसत्त क दशाि ती है ।
आगे की राह:
❖ फोंविों ग कय बढािा:
ितिमान में, अनुिोंधान और सिकाि के सलए िारत का आिों टन उिके िकल घरे लू उत्पाद का लगिग 0.7% है ,
ि िोंयुक्त राज्य अमेररका और चीन िैिे दे श ों की तुलना में काफी कम है ि अपने िकल घरे लू उत्पाद का
2% िे असधक सनिेश करते हैं ।
यह िरूरी है सक िरकार इि आिोंटन क बढाये। हमने ऐिे िफल उदाहरण दे खे हैं िहाों पयाि प्त फोंसर्ों ग, िैिे
सक इिर के मामले में, प्रौद्य सगकी और िैसश्वक मान्यता में िफलता सदला िकती है ।
❖ बुवियादी ढाोंचे का उन्नयि: सिश्वसिद्यालय ों में आधुसनक अनुिोंधान िुसिधाओों में सनिेश असधक छात् ों क अनुिोंधान
की ओर आकसषित कर िकता है ।
विष्कषण:
िबसक िैकक्टिक कैररयर पथ ों का आकषिण िारतीय सिश्वसिद्यालय ों में िैज्ञासनक अनुिोंधान की सगरािट में एक िूसमका
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सनिाता है , प्रणालीगत मुद् ों क िोंब सधत करना और सिश्वसिद्यालय ों के उपि क्ता-उन्मुख फ कि क बदलना िारत में
िैज्ञासनक अनुिोंधान क पुनिीसित करने के सलए आिश्यक है ।
चचाण/ वििेचिा: यह सकिी सिषय पर सलक्टखत चचाि के सलए ह ता है । सिषय के पक्ष और सिपक्ष में मामला बनाने के सलए
तकििोंगत, िाक्ष् िमसथित, सिस्तृत चचाि या िाद-सििाद के माध्यम िे सकिी सनष्कषि पर पहुों चने का प्रयाि करना चासहए।
❖ विगत िषों के प्रश्न: स्वतन्त्रता िोंग्राम में, सिशेष तौर पर गाों धीिादी चरण के दौरान मसहलाओों सक िूसमका का
सििेचन कीसिए। (यूपीएििी, 2016)
❖ वटप्पर्ी: नीचे सदया गया उत्तर िारतीय स्वतोंत्ता िोंग्राम के गाों धीिादी चरण के दौरान मसहलाओों द्वारा सनिाई गई
िूसमका की व्याख्या करता है । यह न केिल उनके बहुमूल् य गदान के बारे में बात करता है , बक्टि एक इिके
िाथ िमाप्त ह ता है ि बताता है सक मसहलाओों द्वारा सनिाई गई िूसमका ने लैंसगक िमानता और िामासिक िुधार ों
के सलए आधार तैयार सकया।
प्रश्न. स्वतोंत्रता सोंग्राम में विर्ेषकर गाोंधीिादी चरर् के दौराि मवहिाओों की भूवमका पर चचाण करें । (200 र्ब्द,
12.5 अोंक)
उत्तर:
दृवष्टकयर्:
❖ पररचय: गाों धीिादी चरण के दौरान उनकी िागीदारी पर ध्यान केंसद्रत करते हुए िारतीय स्वतोंत्ता िोंग्राम में
मसहलाओों की िूसमका का िोंक्षेप में पररचय दें ।
❖ मुख्य भाग: मसहलाओों की िागीदारी के सिसिन्न पहलुओों पर चचाि करें । उदाहरण ों द्वारा अपने सिचार ों की पुसष्ट
कीसिए।
िारतीय स्वतोंत्ता िोंग्राम में मसहलाओों ने महत्वपूणि िूसमका सनिाई और गाों धीिादी चरण के दौरान उनकी िागीदारी
सिशेष रूप िे प्रमुख ह गई। महात्मा गाों धी के असहों िा और ित्याग्रह (सनक्टिय प्रसतर ध) के दशिन ने पूरे िारत में
मसहलाओों क प्रिासित सकया, सिििे उन्हें स्वतोंत्ता के िोंघषि में िसिय रूप िे िाग लेने के सलए प्रेरणा समली।
गाोंधीिादी चरर् के दौराि मवहिाओों की भागीदारी के कुछ प्रमुख पहिू विम्नित हैं :
❖ सामूवहक िामबोंदी: मसहलाओों ने सिसिन्न सिर ध प्रदशिन ,ों प्रदशिन ों और अिहय ग गसतसिसधय ों में बडी िोंख्या में
िाग सलया, सिििे सब्रसटश शािन के क्टखलाफ िारतीय आबादी की व्यापक लामबोंदी में य गदान समला।
❖ सवििय अिज्ञा आों दयिि (1930-1934): िसिनय अिज्ञा आों द लन में मसहलाएों िसिय रूप िे शासमल थीों,
सििमें प्रसिद्ध नमक माचि या दाों र्ी माचि िी शासमल था। उन्ह न
ों े सब्रसटश एकासधकार क चुनौती दे ते हुए प्रसतबोंसधत
नमक के उत्पादन और सितरण में िाग सलया।
❖ असहययग आों दयिि (1920-1922): अिहय ग आों द लन के दौरान, मसहलाओों ने स्वदे शी उत्पाद ों क बढािा दे ने
और सब्रसटश िस्तुओों का बसहष्कार करने में महत्वपूणि िूसमका सनिाई। उन्ह न
ों े िसिय रूप िे चरख ों पर खादी
(हाथ िे बुना हुआ कपडा) काता, ि सब्रसटश शािन के क्टखलाफ आत्मसनििरता और अिज्ञा का प्रतीक बन गया।
❖ िेतृत्व भूवमकाएँ : िर सिनी नायर्ू, अरुणा आिफ अली, कमला नेहरू, एनी बेिेंट और कस्तूरबा गाों धी िैिी
मसहला नेता स्वतोंत्ता िोंग्राम के दौरान प्रमुख शक्टसियत के रूप में उिरीों। उन्ह न
ों े सिर ध प्रदशिन ों का नेतृत्व सकया,
बैठकें आय सित कीों और अन्य मसहलाओों क िी इि आों द लन में शासमल ह ने के सलए प्रेररत सकया। कई मसहलाएँ
िारतीय राष्टरीय काों ग्रेि और अन्य रािनीसतक िोंगठन ों में िी शासमल थीों, ि मसहलाओों के असधकार ों और
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िामासिक िुधार ों की िकालत कर रही थीों।
❖ क्राोंवतकारी गवतविवधयाँ: िीकािी कामा और दु गाि दे िी ि हरा िैिी कुछ मसहलाओों ने िाों सतकारी गसतसिसधय ों में
िाग सलया और सब्रसटश शािन के क्टखलाफ िशस्त्र प्रसतर ध का िमथिन सकया।
❖ सामाविक सुधार और मवहिा सर्खिकरर्: गाों धी ने मसहलाओों की सशक्षा, बाल सििाह के उन्मूलन और सिधिा
पुनसिििाह की िकालत की, रािनीसतक और िामासिक मुक्टक्त द न ों के िोंघषि में मसहलाओों की िागीदारी के महत्व
पर ि र सदया।
❖ भारत छयडय आों दयिि (1942): मसहलाओों ने िारत छ ड आों द लन में िसिय िूसमका सनिाई, िुलूि ,ों हडताल ों
और िसिनय अिज्ञा के कृत्य ों का आय िन सकया। िब कई पुरुष नेताओों क सगरफ्तार सकया गया, तब उन्ह न
ों े
नेतृत्व के पद ों क िी िरा, सिििे आों द लन की सनरों तरता िुसनसित हुई।
विष्कषण
िारतीय स्वतोंत्ता िोंग्राम के गाों धीिादी चरण में मसहलाओों की महत्वपूणि िागीदारी दे खी गई, सिन्ह न
ों े सिसिन्न क्षमताओों में
बहुमूल् य गदान सदया। उनकी िागीदारी ने न केिल आों द लन क मिबूत सकया बक्टि स्वतोंत्ता के बाद के िारत में
लैंसगक िमानता और िामासिक िुधार ों की नीोंि िी रखी।
Analyse: विश्लेषर्
विश्लेषर्: प्रश्न और उिके घटक िाग ों का सिश्लेषण आिश्यक है । सिषय क घटक िाग ों में बाँ टें। पक्ष और सिपक्ष द न ों
के सलए िहायक तकि और तथ् दीसिए। िाथ ही, घटक िाग ों के बीच अोंतर-िोंबोंध िी दशाि इए। इि मुद्े पर क ई स्ट्ैं र्
लेने की िरूरत नहीों है ।
❖ विगत िषों के प्रश्न: यद्यसप अनेक ल क िेिा प्रदान करने िाले िोंगठन ों ने नागररक ों के घ षणा-पत् (चाटि र) बनाए
है , पर दी िाने िाली िेिाओों की गुणित्ता और नागररक ों के िोंतुसष्ट स्तर में अनुकूल िुधार नहीों हुआ है । सिश्लेषण
कीसिए। (यूपीएििी, 2013)
❖ वटप्पर्ी: नीचे सदए गए उत्तर में, िािििसनक िेिा सितरण में िुधार के सलए नागररक चाटि र की सिफलता क बुलेट
सबोंदुओों में दर्ाा या गया है । इिमें उन कारण ों का सिश्लेषण शासमल है सिनमें िागरूकता की कमी, गैर-िमािेशीता,
दों र्ात्मक प्रािधान ों की अनुपक्टथथसत आसद शासमल हैं । हालाों सक नागररक चाटि र एक िाधन के रूप में सिफल रहे हैं
या नहीों, इि पर क ई रुख नहीों अपनाया गया है , सफर िी आगे बढने का एक आशािादी तरीका और सनष्कषि उसचत
अोंत के सलए सदया गया।
प्रश्न. हािाोंवक िागररक चाटण र कई सािणिविक सेिा वितरर् सोंगिियों द्वारा तैयार वकए गए हैं , िेवकि िागररकयों
की सोंतुवष्ट के स्तर और प्रदाि की िािे िािी सेिाओों की गुर्ित्ता में कयई सुधार िही ों हुआ है । विश्लेषर्
कीविये। (200 र्ब्द, 10 अोंक)
उत्तर:
दृवष्टकयर्:
पररचय: नागररक चाटि र क्ा हैं , उनके उद्े श्य और िारतीय िोंदिि में उनके पररचय की िोंसक्षप्त व्याख्या के िाथ
शुरुआत करें ।
❖ मुख्य भाग: उत्तर के मुख्य िाग क द मुख्य िाग ों में सििासित सकया िाना चासहए।
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❖ उसचत उदाहरण ों द्वारा अपने सिचार ों की पुसष्ट करें ।
❖ विष्कषण: आशािाद व्यक्त करते हुए सनष्कषि दें सक िही पररितिन ों के िाथ, नागररक चाटि र िारत में िुशािन
क बढािा दे ने में महत्वपूणि िूसमका सनिा िकते हैं ।
िारत में 1997 में पेश सकए गए नागररक चाटि र का उद्े श्य िािििसनक क्षेत् के िोंगठन ों के सलए िेिा सितरण मानक ों क
सनधाि ररत करके सुर्ासन क बढाना था। हालाँ सक, द दशक ों िे असधक िमय िे पररचालन में ह ने के बाििूद, नागररक
िोंतुसष्ट बढाने और िेिा की गुणित्ता में िुधार करने पर उनका प्रिाि उिेखनीय नहीों रहा है ।
इसके कई कारर् हय सकते हैं :
❖ दों ि प्रािधाियों का अभाि: चाटि र में क ई कानूनी
बाध्यता नहीों है , और इिसलए गैर-अनुपालन के सलए
क ई दों र् या िजा नहीों है । इििे ल क िेिक ों में
चाटि र के पालन के प्रसत गोंिीरता की कमी ह गयी
है ।
❖ वियवमत समीक्षा और अद्यति का अभाि: कई चाटि र पुराने ह चुके हैं और िेिा सितरण में पररितिन या
नागररक ों की अपेक्षाओों क प्रसतसबोंसबत करने के सलए उन्हें िोंश सधत नहीों सकया गया है । उदाहरण के सलए, र्ाक
सििाग के नागररक चाटि र क इिकी थथापना के बाद िे अद्यतन नहीों सकया गया है ।
❖ अप्रभािी वर्कायत वििारर् तोंत्र: िबसक असधकाों श चाटि र ों में सशकायत सनिारण का प्रािधान ह ता है , यह तोंत्
अक्सर अप्रिािी ह ता है । उदाहरण के सलए, िारतीय रे लिे का सिटीिन चाटि र एक सनसित िमय िीमा के िीतर
सशकायत ों का िमाधान करने का िादा करता है , लेसकन िास्ति में, कई सशकायतें लोंबे िमय तक अनिुलझी रहती
हैं
❖ िागरूकता की कमी: िनिोंख्या का एक बडा सहस्ा ऐिे चाटि र ों के अक्टस्तत्व िे अनसिज्ञ है , सिििे उनकी
प्रिािशीलता िीसमत ह िाती है । 2015 में िेंटर फॉर गुर् गिनेंि द्वारा सकए गए एक अध्ययन िे पता चला सक
केिल 40% नागररक ों क ऐिे चाटि र ों के बारे में पता था।
❖ गैर-समािेर्ी प्रवक्रया: अक्सर, चाटि र नागररक ों क शासमल सकए सबना या उनकी अपेक्षाओों क िमझे सबना तैयार
सकए िाते हैं । पररणामस्वरूप, चाटि र अक्सर नागररक ों की िास्तसिक िरूरत ों और अपेक्षाओों क प्रसतसबोंसबत करने
में सिफल रहते हैं ।
िागररक चाटण र की प्रभािर्ीिता में सुधार के विए विम्न कदम उिाए िा सकते हैं :
❖ गैर-अनुपालन के सलए दों र्ात्मक प्रािधान ों के िाथ चाटि र कानूनी रूप िे बाध्यकारी ह ने चासहए।
❖ चाटि र ों की प्रािोंसगकता और प्रिािशीलता िुसनसित करने के सलए उनका सनयसमत ऑसर्ट और िमीक्षा की िानी
चासहए।
❖ नागररक ों में चाटि र के प्रसत िागरूकता बढाने के प्रयाि सकये िाने चासहए।
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विष्कषण
िबसक नागररक चाटि र में िािििसनक िेिाओों की गुणित्ता में िुधार करने और नागररक ों की िोंतुसष्ट बढाने की क्षमता है,
िारतीय िोंदिि में उनकी प्रिािशीलता कई चुनौसतय ों के कारण बासधत हुई है । हालाँ सक, िही िुधार ों के िाथ, इन मुद् ों
क िोंब सधत सकया िा िकता है , और नागररक चाटि र िारत में िुशािन क बढािा दे ने में महत्वपूणि िूसमका सनिा िकते
हैं ।
वसद्ध या प्रमावर्त / पुवष्ट: ि कहा िा रहा है उिके िमथिन में िाक्ष् के िाथ-िाथ ररप टों, तथ् ,ों घटनाओों आसद के
माध्यम िे अपनी बात क प्रमासणत करना ह गा।
❖ विगत िषों के प्रश्न: आईटी के रूप में शहर ों का सिकाि हब ने र िगार के नए रास्ते ख ले हैं , लेसकन नई िमस्याएों
िी पैदा की हैं । इि कथन क उदाहरण िसहत सिद्ध कीसिए। (यूपीएििी, 2017)
❖ वटप्पर्ी: नीचे सदए गए उदाहरण में ऐसतहासिक तथ् ों और घटनाओों का हिाला दे ते हुए बताया गया है सक
अमेररकी िाों सत सकि प्रकार व्यापाररकता के सिरुद्ध एक आसथिक सिद्र ह थी। इन घटनाओों और तथ् ों के उिेख िे
उत्तर में िार िुड गया है ।
प्रश्न. अमेररकी क्राोंवत व्यापाररकता के विरुद्ध एक आवथणक विद्रयह था। प्रमावर्त करें । (200 र्ब्द, 10 अोंक)
उत्तर:
दृवष्टकयर्:
❖ पररचय: अमेररकी िाों सत और इिकी बहुआयामी प्रकृसत का िोंक्षेप में पररचय दें ।
❖ मुख्य भाग:
व्यापाररकता के सिरुद्ध सिद्र ह पर ध्यान केक्टित करते हुए आसथिक पहलू का उिेख करें ।
व्यापाररकता की अिधारणा पर चचाि करें और सब्रसटश औपसनिेसशक नीसतय ों ने इि प्रणाली क कैिे लागू
सकया।
प्रसतसनसधत्व के सबना कराधान के मुद्े और व्यापाररक नीसतय ों िे इिके िोंबोंध की व्याख्या करें ।
अमेररकी उपसनिेशिासदय ों के आसथिक स्वाथि और मुक्त व्यापार की उनकी इच्छा का िणिन करें ।
❖ विष्कषण: स्वीकार करें सक हालाों सक िाों सत क केिल आसथिक सिद्र ह के रूप में िसणित नहीों सकया िा िकता है ,
आसथिक आत्मसनणिय की इच्छा स्वतोंत्ता के िोंघषि में एक महत्वपूणि कारक थी।
अमेररकी िाों सत (1775-1783) ग्रेट सब्रटे न के क्टखलाफ तेरह अमेररकी उपसनिेश ों द्वारा स्वतोंत्ता के सलए एक बहुआयामी
िोंघषि था। हालाों सक यह िच है सक व्यापाररकता के सिर ध िैिे आसथिक कारक ों ने िाों सत में महत्वपूणि िूसमका सनिाई,
रािनीसतक और िैचाररक प्रेरणाओों िैिे अन्य य गदान दे ने िाले कारक ों पर सिचार करना महत्वपूणि है ।
❖ व्यापाररकता और विवटर् औपवििेवर्क िीवतयाों:
व्यापाररकता एक प्रमुख आसथिक सिद्धाों त था ि सकिी राष्टर की िोंपसत्त और शक्टक्त क ि ने और चाों दी के िोंचय
िे ि डता था।
उपसनिेश ों ने माल के सलए कच्चा माल और बािार उपलब्ध कराकर मूल दे श क लाि पहुों चाने का काम सकया।
नौगमन (नेसिगेशन) असधसनयम िैिी सब्रसटश नीसतय ों ने व्यापाररकता क लागू सकया, अमेररकी उपसनिेश ों के
28
व्यापार क प्रसतबोंसधत सकया और उन्हें आयात और सनयाि त के सलए सब्रटे न पर सनििर बना सदया।
अमेररकी िाों सत की ओर ले िाने िाली एक प्रमुख सशकायत प्रसतसनसधत्व के सबना कराधान थी।
स्ट्ाम्प असधसनयम, टाउनशेंर् असधसनयम और चाय असधसनयम िैिे असधसनयम उपसनिेश ों िे रािस्व बढाने के
सब्रसटश प्रयाि ों का उदाहरण दे ते हैं , ि व्यापाररक नीसतय ों क दशाि ते हैं सिनका उद्े श्य मातृ दे श के लाि के
सलए उपसनिेश ों का श षण करना था।
कई उपसनिेशिादी, सिशेष रूप िे व्यापारी और व्यापारी, सब्रसटश व्यापाररक प्रसतबोंध ों िे सनराश थे।
उन्ह न
ों े आसथिक आत्मसनणिय और मुक्त व्यापार की माों ग की, उनका मानना था सक इििे िमृक्टद्ध आएगी। इि
इच्छा ने उपसनिेशिासदय ों में िाों सतकारी िािना क बढािा सदया।
सब्रसटश व्यापाररक नीसतय ों और कराधान उपाय ों ने उपसनिेश ों के आसथिक सिकाि में बाधा र्ाली और
उपसनिेशिासदय ों के सलए सित्तीय कसठनाइय ों का कारण बना, सब्रसटश शािन के प्रसत अिोंत ष और स्वतोंत्ता
आों द लन के िमथिन में य गदान सदया।
िबसक अमेररकी िाों सत में सिसिन्न कारक शासमल थे, आसथिक आत्मसनणिय की ख ि ने स्वतोंत्ता के िोंघषि में महत्वपूणि
य गदान सदया, सिििे स्वतोंत्ता और स्वायत्तता की ख ि में आसथिक सशकायत ों क िोंब सधत करने का महत्व प्रदसशित
हुआ।
आियचिात्मक विश्लेषर्: सनदे श 'सिश्लेषण' के िाथ अोंतर का एकमात् सबोंदु यह है सक अभ्यथी क प्रश्न में अपने
सिश्लेषण के आधार पर एक स्ट्ैं र् लेने की आिश्यकता है ।
❖ विगत िषों के प्रश्न: राष्टरीय और राज्य स्तर पर सकिान ों क दी िाने िाली सिसिन्न प्रकार की कृसष िक्टिर्ी क्ा हैं ?
कृसष िक्टिर्ी व्यिथथा का इिके द्वारा उत्पन्न सिकृसतय ों के िोंदिि में आल चनात्मक सिश्लेषण करें । (यूपीएििी,
2013)
❖ वटप्पर्ी: नीचे सदए गए प्रश्न में द िाग हैं। पहला िाग र्ब्ल्यूटीओ िनादे श और उिके दासयत्व ों पर आधाररत
िामग्री है , दू िरा िाग खाद्य िुरक्षा के मुद्े पर िारत के रुख पर गोंिीर सिश्लेषण िे िोंबोंसधत है । यह िाग उि िमय
के िमिामसयक सिकाि पर आधाररत है । अतः यह अपेक्षा की िाती है सक िारत के पक्ष और सिपक्ष द न ों क
प्रस्तुत सकया िाए और उक्टिक्टखत सबोंदुओों के आधार पर एक आशािादी रुख अपनाया िाए।
Q. राष्टरीय और राज्य स्तर पर वकसाियों कय दी िािे िािी विवभन्न प्रकार की कृवष सखििी क्ा हैं ? कृवष सखििी
व्यिस्था का इसके द्वारा उत्पन्न विकृवतययों के सोंदभण में आियचिात्मक विश्लेषर् करें । (200 र्ब्द, 10 अोंक)
उत्तर:
दृवष्टकयर्:
❖ मुख्य भाग:
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सिश्लेषण करें सक कृसष िक्टिर्ी व्यिथथा कैिे सिकृसतयाँ पैदा करती है ।
❖ विष्कषण: यह कहते हुए सनष्कषि सनकालें सक ििी िक्टिर्ी सिकृसतयाँ पैदा नहीों करती हैं , कुछ िास्ति में
आिश्यक हैं ।
कृसष िक्टिर्ी सकिान ों की आय बढाने और उनकी उत्पादकता बढाने के सलए सकिान ों क दी िाने िाली एक िरकारी
िक्टिर्ी है । कृसष िक्टिर्ी सकिान ों के सलए एक पूरक आय के रूप में कायि करती है , सििे अच्छी गुणित्ता िाले इनपुट
के रूप में कृसष में िापि सनिेश सकया िा िकता है , सिििे उत्पादकता और आय क बढािा समलता है। िारत में प्रमुख
िक्टिर्ी उििरक, सबिली, ऋण, उत्पादन, बीि और सनयाि त िक्टिर्ी हैं । नीसत आय ग के अनुिार 2021 में कृसष िक्टिर्ी
लगिग 5 लाख कर ड थी (खाद्य और उििरक िक्टिर्ी िसहत)।
प्रदान की गई िक्टिर्ी के आधार पर, कृसष िक्टिर्ी क प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष िक्टिर्ी में िगीकृत सकया िा िकता है ।
प्रत्यक्ष कृसष िक्टिर्ी िे िक्टिर्ी हैं ि िीधे सकिान ों क प्रदान की िाती हैं और आम तौर पर प्रत्यक्ष नकद िक्टिर्ी के
रूप में िुगतान की िाती हैं । उदाहरण: पीएम सकिान य िना, एलपीिी में पहल, कृसष ऋण माफी। अप्रत्यक्ष िक्टिर्ी िे
िक्टिर्ी हैं सिनमें उत्पाद की लागत बािार मूल् िे कम कीमत पर सनधािररत की िाती है । उदाहरण: सिोंचाई िक्टिर्ी,
सबिली िक्टिर्ी, उििरक िक्टिर्ी, िेसर्ट िक्टिर्ी, एमएिपी (न्यूनतम िमथिन मूल्), आसद।
भारत में सखििी व्यिस्था से उत्पन्न समस्याएों :
❖ कृवष कय बढािा दे िे के विए धि का उपययग: ऐिी िोंिािना है सक सकिान इि धन का उपय ग गैर-कृसष
अनुत्पादक िरूरत ों के सलए कर िकते हैं ।
❖ बढी असमािता: आसथिक ििेक्षण-2018 के अनुिार, कृसष िक्टिर्ी िे छ टे सकिान ों की तुलना में अमीर सकिान ों
क असधक लाि हुआ है ।
❖ ििप्रितणि ि कृवष सुधार: बािार िुधार और कृसष में निप्रितिन िैिे मुद् ों पर ध्यान नहीों सदया गया क् सों क िक्टिर्ी
क ऐिा करने के सलए िरकार की सिम्मेदाररय ों िे बाहर सनकलने के रास्ते के रूप में दे खा िाता है ।
❖ सरकार पर विभणरता: िक्टिर्ी की िोंस्कृसत अक्षमता और िरकार पर सनििरता क बढािा दे ती है और िुधार करने
के प्र त्साहन क िी कम करती है । इिके अलािा, ित्ता में मौिूद िरकार महि रािनीसतक लाि के सलए िक्टिर्ी
प्रदान कर िकती है ।
❖ मयियकल्चर: एमएिपी िैिी िक्टिर्ी ने सिकृत फिल पैटनि के िाथ अनाि केंसद्रत कृसष क बढािा सदया है । इििे
इन अनाि ों की कीमत ों में सगरािट आई है , िबसक पहले िारत में उगाई िाने िाली कई अन्य फिल ों के सलए हमें
आयात पर सनििर रहना पडता है ।
❖ पयाणिरर्ीय क्षवत: उििरक, सबिली और सिोंचाई िल पर असधकाों श अप्रत्यक्ष िक्टिर्ी प्राकृसतक िोंिाधन ों के क्षरण में
य गदान करती है (िक्टिर्ी िाले उत्पाद ों के अत्यसधक उपय ग िे)।
उदाहरण: समट्टी की लिणता में िृक्टद्ध, िारी धातुओों के िाथ पानी का प्रदू षण और मुफ्त सबिली के कारण पोंिाब
में िूिल िलिृत ों पर दबाि।
❖ व्यापार विकृवतयाँ: िक्टिर्ी की नीसतयाँ अन्य दे श ों क िी ऐिा ही करने के सलए प्र त्सासहत करती हैं , सिििे व्यापार
युद्ध और िोंरक्षणिादी नीसतय ों के कारण व्यापार सिकृसतयाँ ह िकती हैं ।
❖ पूोंिी वििेर् में कमी: 1976 िे 2003 तक - िक्टिर्ी में िृक्टद्ध हुई लेसकन कृसष में िािििसनक सनिेश में सगरािट
आई। केलकर िसमसत ने िक्टिर्ी क चरणबद्ध तरीके िे िमाप्त करने और उन्हें पूोंिी सनिेश में बदलने की
सिफाररश की।
विष्कषण:
कृसष क्षेत् ि 40% िे असधक र िगार प्रदान करता है , िकल घरे लू उत्पाद में केिल 16-17% य गदान दे ता है। इिका
कारण कृसष क्षेत् में अक्षमताएों और सकिान ों क ह ने िाली सिसिन्न िमस्याएों हैं । इिसलए कृसष क्षेत् में िुधार के इरादे िे दी
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िाने िाली कृसष िक्टिर्ी 2022 तक सकिान ों की आय द गुनी करने के िरकार के लक्ष् क हासिल करने में मदद करती
है । इि प्रकार, िारत में सतत कृवि के साि एक सदािहार क्ां वत क साकार करने के वलए विर्ेि रूप से छ टे और
सीमां त वकसान ं पर नकारात्मक प्रिाि ं क कम करने के वलए सिी वहतधारक ं के साि िेहतर नीवतगत विचार-विमर्ा की
आिश्यकता है ।
❖ विगत िषों के प्रश्न: िारत में सिसिधता के सकन्हीों चार िाों स्कृसतक तत्व ों का िणिन कीसिये और एक राष्टरीय पहचान
के सनमाि ण में उनके आपेसक्षक महत्व का सनधाि रण कीसिये। (यूपीएििी, 2015)
❖ वटप्पर्ी: िोंगसठत अपराध ों के प्रकार ों पर चचाि करते िमय सनम्नसलक्टखत उत्तर िोंगसठत अपराध और आतोंकिाद के
बीच िोंबोंध ों क सदखाने के सलए यथािोंिि कई आयाम ों (अनुमत शब् िीमा के िीतर) क किर करने का प्रयाि
करता है । उत्तर राष्टरीय पृथक िाग ों क िोंब सधत करता है ।
प्रश्न. भारत में विविधता के वकन्ी ों चार साोंस्कृवतक तत्वयों का िर्णि करें और राष्टरीय पहचाि के विमाणर् में उिके
सापेक्ष महत्व का विधाणरर् कीष्टिए। (150 र्ब्द, 10 अोंक)
उत्तर:
दृवष्टकयर्:
❖ पररचय: िारत की सिसिधता का उिेख करें और सिसिधता के सकन्हीों चार प्रमुख क्षेत् ों की िूची बनाएों ।
❖ मुख्य भाग:
सफर, अपने सिचार के अनुिार, राष्टरीय पहचान बनाने में उनके महत्व के आधार पर इन िाों स्कृसतक तत्व ों क
रैं क करें ।
❖ विष्कषण: उिेख करें सक सिसिधता क बनाए रखना अपने आप में एक प्रमुख कारण है सक िारत एक राष्टर के
रूप में एकिुट रहा है ।
िारत सिसिधताओों का दे श है । सिसिधता हर पहलू में मौिूद है , िैसे वक - िाषा, पहनािा, ि िन, रहने की शैली, रीसत-
ररिाि, आसद।
इन्ें विम्न रूपयों में दे खा िा सकता है :
❖ भाषाई विविधता: िारत िाषाई रूप िे िबिे असधक सिसिधता िाले दे श ों में िे एक है । िारत के िोंसिधान में 22
िाषाएँ अनुिूसचत िाषाओों के रूप में हैं और 1100 िे असधक सिसशष्ट ब सलयाँ हैं । ब सलयाँ एक सनरों तरता दशाि ती हैं
सिििे ल ग ों के सलए एक-दू िरे क िमझना और िोंिाद करना आिान ह िाता है । सिसशष्ट िाषा और उिका
सिशाल िासहत्य ल ग ों के बीच गौरि का स्र त बनता है ।
लेसकन िाषाई सिसिधता िी िोंघषि का एक स्र त रही है । उदाहरण के सलए, ग िािासिय ों क मराठा और
कक
ों णी िाषाओों के आधार पर सििासित सकया गया है । बेलगाम में मराठी और कन्नड िाषी ल ग ों के बीच
घमािान मचा हुआ है । अिम का िामना बोंगाली और अिसमया िे है ।
❖ परों पराएों , पहिािा, भयिि: िारत में िोंगीत, नृत्य और व्योंिन ों की एक िमृद्ध परों परा है , प्रत्येक क्षेत् में खाना पकाने
और स्वाद की अपनी अनूठी शैली है ।
❖ त्यौहार: िारत में थथानीय और क्षेत्ीय स्तर पर त्यौहार ों की िरमार है । सदिाली, ह ली, ईद आसद िैिे त्यौहार िी हैं
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ि पूरे िारत में मनाए िाते हैं।
❖ भारत में धावमणक विविधता: िारत सिसिन्न प्रकार की धासमिक मान्यताओों का घर है , सिनमें सहों दू धमि, इस्लाम, ईिाई
धमि, सिख धमि, बौद्ध धमि और िैन धमि दे श में िबिे व्यापक रूप िे प्रचसलत धमों में िे हैं । िारत में धासमिक
सिसिधता ने दे श के िामासिक ताने-बाने और पहचान क आकार दे ने में महत्वपूणि िूसमका सनिाई है । सिदे शी धमों ने
क्षेत्ीय िोंस्कृसत के िाथ बातचीत की है और एक अनूठा समश्रण बनाया है ि अन्यत् नहीों बना है ।
िाों स्कृसतक तत्व ों में इि सिसिधता ने िारत क एक ऐिे दे श के रूप में दे खे िाने में िहायता की है ि ििी परों पराओों और
मान्यताओों का िम्मान करता है । हालाँ सक अलग-अलग क्षेत् ों में िाषाएँ अलग-अलग ह ती हैं , सफर िी ल ग दू िरी िाषा
िीखकर एक-दू िरे िे िोंिाद करते हैं । सकिी की िाषाई पहचान क दी गई िुरक्षा ही यह िुसनसित करती है सक िारत के
ल ग एक राष्टर के रूप में एकिुट रहें । इिी प्रकार व्यंिन ं में विविधता के कारण, िारत के दवक्षणी िाग का ि िन उत्तरी
िाग में प्रवसद्ध है और इसके विपरीत उत्तरी िाग में दस्णण िाग के ि िन प्रवसद्ध है ।
इि प्रकार, िारत की राष्टरीय पहचान क आकार दे ने में िाोंस्कृसतक सिसिधता की महत्वपूणि िूसमका है ि सकिी िाषा या
धमि पर आधाररत नहीों है बक्टि िामान्य आशाओों और आकाों क्षाओों पर आधाररत है । सिसिन्न िाों स्कृसतक तत्व ों ने सिसिधता
में एकता के प्रसत िारत की प्रसतबद्धता क द हराया है । िारत में िाोंस्कृसतक, िाषाई और धासमिक सिसिधता आने िाली
पीसढय ों के सलए दे श की राष्टरीय पहचान क आकार दे ने में महत्वपूणि िूसमका सनिाती रहेगी।
औवचत्य वसद्ध करें : िाक्ष् के िाथ कथन के पक्ष में अपने सिचार प्रस्तुत करते हुए सिपरीत दृसष्टक ण पर िी सिचार करते
हुए एक िोंतुसलत तकि प्रस्तुत करें ।
❖ विगत िषों के प्रश्न: क्ा िारत में सिसिधता एिों बहुलिाद िैश्वीकरण के कारण िोंकट में हैं ? औवचत्य वसद्ध कीविए।
(यूपीएििी, 2020)
❖ वटप्पर्ी: उपर क्त प्रश्न में सदए गए कथन क िही ठहराने के सलए सनम्नसलक्टखत उत्तर इि बात का प्रमाण दे ता है सक
कैिे िैश्वीकरण सिसिधता और बहुलिाद के सलए खतरा है । िाथ ही, उन सबोंदुओों क रखकर िोंतुलन बनाया िाता है
ि बताते हैं सक िैश्वीकरण पूरी तरह िे बुरा नहीों है , इिमें उम्मीद की सकरणें िी हैं ।
प्रश्न. क्ा िैश्वीकरर् के कारर् भारत में विविधता और बहुििाद खतरे में है ? अपिे उत्तर का औवचत्य वसद्ध
कीष्टिए। (250 र्ब्द, 15 अोंक)
उत्तर:
दृवष्टकयर्:
❖ पररचय: िैश्वीकरण क पररिासषत करें । उिेख करें सक िारत सकि प्रकार िबिे सिसिध दे श ों में िे एक है ।
❖ मुख्य भाग: उन क्षेत् ों का उिेख करें िहाों िैश्वीकरण के कारण िाों स्कृसतक सिसिधता खतरे में है। सफर कुछ क्षेत् ों
का उिेख करें िहाों िैश्वीकरण सिसिधता में िहायता करता है ।
❖ विष्कषण: यह बताते हुए सनष्कषि सनकालें सक िैश्वीकरण के अच्छे और बुरे द न ों प्रिाि हैं । िकारात्मक पहलुओों का
उपय ग करके बहुलिाद और सिसिधता क बढाया िा िकता है ।
िैश्वीकरण सिचार ,ों ल ग ,ों पूोंिी और िस्तुओों (िस्तुओों और िेिाओों) के आदान-प्रदान के सिस्तार और तेिी लाने की प्रसिया
है । िारत एक सिसिधतापूणि दे श है और िारत की महानता इिकी अनूठी िोंस्कृसत में सनसहत है । िैश्वीकृत दु सनया का सहस्ा
ह ने के नाते िारत क अपनी िाों स्कृसतक सिसिधता पर िकारात्मक और नकारात्मक द न ों तरीक ों िे महत्वपूणि प्रिाि का
िामना करना पडा है ।
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िे क्षेत्र िहाों िैश्वीकरर् के कारर् साोंस्कृवतक विविधता खतरे में है :
❖ भाषाई समरूपीकरर्: अोंतरराष्टरीय सनगम ों के प्रिाि के पररणामस्वरूप एक केंद्रीय आम िाषा मुख्य रूप िे
अोंग्रेिी बन गई है , ि क्षेत्ीय ब सलय ों और अििोंख्यक िाषाओों पर हािी है ।
इिका अिर थथानीय िाषाओों, िासहत्य के सिकाि पर पडता है और कुछ मामल ों में कुछ थथानीय िाषाओों का
पूरी तरह िे िफाया ह िाता है ।
पसिमी िोंस्कृसत तक असनयोंसत्त पहुों च के कारण गलत बयानी, रूसढिासदता और िोंस्कृसत के नुकिान का खतरा
बढ गया है ।
❖ सोंबोंधयों का िैयखिकरर्: िैश्वीकरण के कारण िामुदासयक िुडाि कम ह गया है क् सों क व्यक्टक्त िमुदाय ों के बिाय
अपने सहत ों के बारे में असधक सचोंसतत है ।
❖ पररिार का परमार्ुकरर्: िैश्वीकरण के सहस्े के रूप में आसथिक प्रिािन और व्यक्टक्तगत थथान की पिोंद में िृक्टद्ध
के कारण िोंयुक्त पररिार प्रणाली टू ट रही है ।
❖ वििाह: एक िोंथथा के रूप में , सििाह असधक व्यक्टक्तगत ह गया है और सलि-इन ररलेशनसशप िैिे सिचार ों के सलए
असधक स्वीकायिता है ि पारों पररक सििाह के क्षेत् िे बाहर मौिूद हैं । लेसकन एक उम्मीद की सकरण िी है , िैश्वीकरण
ने कुछ पहलुओों में सिसिधता में िहायता की है ।
❖ िैवश्वक अिसर: एक िैसश्वक िाषा के रूप में अोंग्रेिी ने दु सनया िर में नौकरी और सशक्षा के अििर ों क ख ल सदया
है । िेिा क्षेत् में िारतीय ों क सिशेष लाि हुआ है ।
❖ भारतीय सोंस्कृवत की व्यापक पहुों च: प्रौद्य सगकी ने कुछ लुप्त ह रही कलाकृसतय ों क िोंरसक्षत करने, थथानीय
िाषाओों का दस्तािेिीकरण करने में मदद की है , कुछ िारतीय व्योंिन ों और कलाकृसतय ों क सिश्व स्तर पर ल कसप्रय
बनाया है और िारतीय ों क सिसिन्न िैसश्वक कलाओों/सफल् ों आसद िे िी पररसचत कराया है ।
उदाहरर्: य ग सिश्व स्तर पर प्रसिद्ध ह गया है और आि 21 िून क अोंतराि ष्टरीय य ग सदिि के रूप में मनाया
िाता है ।
❖ मवहिा सर्खिकरर्: िैश्वीकरण ने िारत में िेदिािपूणि प्रिृसत्तय ों और सपतृित्तात्मक मानसिकता पर प्रहार सकया
है । इििे मसहलाओों के सलए अपमानिनक प्रथाओों िे छु टकारा पाने में मदद समली है और मसहलाओों के उत्थान और
मसहलाओों िे िोंबोंसधत मुद् ों क उिागर करने में मदद समली है ।
िारत एक ऐसा थिान है िहां विविधता और िहुलिाद है । हमारी संस्कृवत की अत्यवधक विविध प्रकृवत िारत की एकिु ट
र्स्ि है । िैश्वीकरण ने एक हद तक एक एकीकृत र्स्ि के रूप में काम वकया है , लेवकन वनगरानीयुि पहुं च से िारत
क अपनी विविधता और िहुलता क संरवक्षत करने के साधन के रूप में िहुिािी, िहु-धावमाक और िहु-िातीय समाि
33
क संरवक्षत करने में मदद वमलेगी।
स्पष्ट / व्याख्या करिा: यह सदखाने के सलए स्पष्ट कारण बताएों सक कुछ क्ा/कैिे/क् ों ह रहा है या हुआ है ।
❖ विगत िषों के प्रश्न: िैश्वीकरण नें िारत में िाों स्कृसतक सिसिधता के मूल क सकि िीमा तक प्रिासित सकया है ?
व्याख्या कीसिए। (यूपीएििी, 2016)
❖ वटप्पर्ी: उपर क्त प्रश्न के सनम्नसलक्टखत उत्तर में, सनदे श के अनुिार यानी 'स्पष्ट करें ', प्रिाि के िकारात्मक और
नकारात्मक तरीक ों क सदखाकर िैश्वीकरण के प्रिाि की िीमा क िमझाया गया है । िाथ ही, उसचत उदाहरण िी
सदये गये हैं ।
प्रश्न. िैश्वीकरर् िे भारत में साोंस्कृवतक विविधता के मूि कय वकस हद तक प्रभावित वकया है ? व्याख्या कीविए।
(150 र्ब्द, 10 अोंक)
उत्तर:
दृवष्टकयर्:
❖ पररचय: िैश्वीकरण क पररिासषत करें । िारत में िाों स्कृसतक सिसिधता पर सिस्तार िे चचाि करें ।
❖ मुख्य भाग:
उिेख करें सक िैश्वीकरण ने अपनी िमरूपीकरण प्रिृसत्त िे िारतीय िाों स्कृसतक सिसिधता के मूल पहलुओों
क कैिे प्रिासित सकया है ।
सफर उिेख करें सक कैिे िैश्वीकरण ने हमारी िाोंस्कृसतक सिसिधता के बारे में असधक िागरूकता पैदा की
है ।
❖ विष्कषण: उिेख करें सक िैश्वीकरण का हमारी िाों स्कृसतक सिसिधता पर िकारात्मक और नकारात्मक द न ों
प्रिाि पडता है और यह हम पर सनििर है सक हम इिके िशीिूत ह ने के बिाय िैश्वीकरण क एक िहायक
उपकरण के रूप में उपय ग करके अपनी िोंस्कृसत क बढािा दें ।
िैश्वीकरण का अथि है दु सनया िर की अथिव्यिथथाओों, िमाि ों और िोंस्कृसतय ों की बढती परस्पर सनििरता और एकीकरण।
यह िस्तुओ,ों िेिाओों और प्रौद्य सगकी के िीमा पार व्यापार तथा सनिेश और ल ग ों के प्रिाह द्वारा लाया िाता है ।
िारत िाों स्कृसतक रूप िे सिसिधतापूणि दे श है । िारतीय िोंस्कृसत के मूल में पररिार, िाषा, खान-पान, िासत और धमि िैिे
कुछ तत्व सनसहत हैं ।
िैश्वीकरर् िे भारत की साों स्कृवतक विविधता कय सकारात्मक और िकारात्मक दयियों तरीकयों से प्रभावित वकया है :
❖ अपिी सोंस्कृवत में रुवच कम हयिा: िैश्वीकरण और पसिमी िोंस्कृसत के मीसर्या प्रचार के कारण, अपनी िोंस्कृसत के
बारे में िागरूकता कम ह गई है । ल ग पसिमी िोंस्कृसत की सिशेषताओों की आँ ख मूँद कर नकल कर रहे हैं और
अपनी िोंस्कृसत क कम महत्व दे रहे हैं। उदाहरण: ईिाई नििषि मनाना लेसकन पारों पररक िारतीय नििषि की
उपेक्षा करना (अप्रैल के आिपाि)
❖ भाषाई एकरूपता: अोंग्रेिी क्षेत्ीय ब सलय ों और अििोंख्यक िाषाओों पर हािी ह गई है । इिके पररणामस्वरूप
िारतीय ों क दु सनया िर में स्वतोंत् रूप िे काम करने के असधक अििर समले हैं । लेसकन िाथ ही, इिका थथानीय
िाषाओों, िासहत्य के सिकाि पर अिर पडा है और कुछ मामल ों में कुछ थथानीय िाषाओों का पूरी तरह िे िफाया ह
गया है ।
❖ साोंस्कृवतक समरूपीकरर्: िारतीय खान-पान की आदत ों का 'मैकर् नाल्डीकरण' बढ रहा है और पसिमी
उपि ग की िस्तुओों में रुसच बढ रही है । इिके पररणामस्वरूप थथानीय कलाकृसतय ों का नुकिान हुआ, पसिमी
पहनािे क बढािा समला, थथानीय पाक आदत ों में बदलाि आया आसद।
❖ िावत: िैश्वीकरण के कारण थथानीयकृत िासतय ों पर ि र कम ह गया है । िैश्वीकरण ने सनचली िासतय ों क उनके
असधकार ों के प्रसत िागरूक करके उनका उत्थान सकया है। आि िमाि में सकिी की क्टथथसत क बढाने में िासत एक
कम प्रािोंसगक कारक है ।
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❖ पररिार का एकिीकरर्: िैश्वीकरण के कारण िामुदासयक िोंबद्धता कम ह गई है क् सों क व्यक्टक्त िमुदाय ों के
बिाय अपने स्वयों के सहत ों के बारे में असधक सचोंसतत है। िैश्वीकरण के सहस्े के रूप में आसथिक प्रिाि और
व्यक्टक्तगत थथान के सिकि में िृक्टद्ध के कारण िोंयुक्त पररिार प्रणाली टू ट गई।
❖ मवहिा सर्खिकरर्: िैश्वीकरण ने िारत में िेदिािपूणि प्रिृसत्तय ों और सपतृित्तात्मक मानसिकता पर हमला सकया
है । इििे मसहलाओों के सलए अपमानिनक प्रथाओों िे छु टकारा पाने में मदद समली है और मसहलाओों के उत्थान और
मसहलाओों िे िोंबोंसधत मुद् ों क उिागर करने में मदद समली है ।
❖ परों पराओों का पुिरुत्थाि: िैश्वीकरण ने हाल के सदन ों में िारत की पारों पररक िोंस्कृसत और मूल् ों में नए सिरे िे रुसच
पैदा की है । कुछ पीसढय ों पहले की तुलना में ल ग ों में हमारी परों पराओों के बारे में असधक िागरूकता है । उदाहरण
के सलए, य ग, आयुिेद और पारों पररक सचसकत्सा के अन्य रूप ों की ल कसप्रयता सिश्व स्तर पर बढी है , सिििे िारत
की प्राचीन ज्ञान प्रणासलय ों में नए सिरे िे रुसच पैदा हुई है ।
िैश्वीकरण ने िारतीय िोंस्कृसत के मूल क कई तरह िे प्रिासित सकया है । िबसक िैश्वीकरण ने इिके कई पारों पररक
सिद्धाों त ों क सहला सदया है , िैश्वीकरण द्वारा प्रदान सकए गए िाधन ों का उपय ग करके परों पराओों के पुनरुद्धार की िािना
िी है । इििे िारत क िैश्वीकृत दु सनया का िसिय सहस्ा रहते हुए अपने बहुिाषी, बहु-धासमिक और बहु-िातीय िमाि
क िोंरसक्षत करने में मदद समलेगी।
अोंततः
िोंघ ल किेिा आय ग की सिसिल मुख्य परीक्षा की तैयारी के सलए उत्कृष्ट एिों िारगसिित उत्तर सलखना आिश्यक है ।
मुख्य परीक्षा में अच्छा प्रदशिन करने के सलए, सिषय िस्तु पर अच्छी पकड ह ना और अपने सिचार ों क स्पष्ट, िोंसक्षप्त और
प्रेरक रूप िे व्यक्त करना महत्वपूणि है ।
सनयसमत रूप िे अभ्याि करके और इि पुक्टस्तका में उक्टिक्टखत युक्टक्तय ों का पालन करके उत्तर लेखन कौशल में िुधार
सकया िा िकता है , िैिे- व्यापक उत्तर प्रदान करना, कीिर्ि का उपय ग करना और अपने उत्तर क अच्छी तरह िे
प्रस्तुत करना। िीधी िाषा का उपय ग करना और यूपीएििी द्वारा सनसदि ष्ट शब् िीमा के िीतर रहना महत्वपूणि है ।
विम्नित वबन्दु ओ ों का ध्याि रखिा चावहए
1. िाक् में स्पष्टता एिों िाषा में िरलता
2. बेहतर प्रस्तुतीकरण ( फ्ल चाटि , र्ायग्राम आसद का उपय ग)
3. िमय प्रबोंधन एिों सनसदि ष्ट शब् िीमा का पालन
इन कौशल ों के िाथ, आप मुख्य परीक्षा उत्तर लेखन में उत्कृष्टता प्राप्त कर िकते हैं और बेहतर प्रदशिन करते हुए अच्छा
अोंक प्राप्त कर िकते हैं ।
विखते रहें …।!!!!!
“Practice makes perfect.
After a long time of practising, our work will
become natural, skilful, swift, and steady.”
— Bruce Lee.
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