न्यू डील
आर्थिक महामन्दी से उबरने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति रूजवेल्ट ने १९३३ से १९३८ के बीच न्यू डील नामक कार्य-योजना की घोषणा की जिसके अन्तर्गत कई सामाजिक उदारवादी नीतियों को अमल में लाया गया।
न्यू डील के उद्देश्यों का सार रूजवेल्ट ने इन शब्दों में बताया-
- हम अपनी अर्थव्यवस्था द्वारा कृषि और उद्योगों में संतुलन लाना चाहते हैं। हम मजदूरी करने वालों, रोजगार देने वालों और उपभोक्ताओं के बीच संतुलन कायम करना चाहते हैं। हमारा यह भी उद्देश्य है कि हमारे आंतरिक बाजार समृद्ध और विशाल बने रहे और अन्य देशों के साथ हमारा व्यापार बढ़े।
रूजवेल्ट द्वारा अपनाई गई आर्थिक नीति को 3-r नीति द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। 3-r अर्थात् relief (उन्मुक्ति), recovery (प्रतिलाभ) एवं reform (सुधार) होता है। इस नवीन अर्थनीति का उद्देश्य कुछ सुधारों द्वारा पूँजीवादी व्यवस्था को बरकरार रखना था। न्यू डील के तहत अपनाई गई औद्योगिक नीति से उद्योगों में विस्तार हुआ। कृषि नीति से कृषि क्षेत्रों में विस्तार हुआ। सामाजिक सुरक्षा का ध्यान रखा गया। कई जनकल्याणकारी योजनाएँ लागू की गयी। टेनिसी घाटी परियोजना के लागू होने से आर्थिक समृद्धि एवं उन्नति का मार्ग प्रशस्त हुआ। न्यू डील अमेरिकी जनता के लिए एक स्थायी परियोजना थी।
रूजवेल्ट ने स्वर्णमान मुद्रा का परित्याग कर दिया। आयात को घटाने व निर्यात को बढ़ाने के लिए डॉलर का अवमूल्यन किया और आर्थिक मंदी को दूर करने के अन्य उपाय किये गये जैसे -
- 1. बैकिंग व्यवस्था में सुधार किया गया।
- 2. मुद्रा स्फीति का अवलंबन किया गया।
- 3. आर्थिक पद्धति में नियोजन एवं केन्द्रीय नियंत्रण किया गया।
रूजवेल्ट की न्यू डील से अमेरिकी अर्थव्यवस्था में क्रांतिकारी सुधार के चिह्न दृष्टिगोचर होने लगे। औद्योगिक एवं कृषि उत्पादन में वृद्धि हुई निम्नतम मजदूरी दर और अधिकतम काम के घंटे नियत किये गये। इस प्रकार धीरे-धीरे आर्थिक मंदी से उबरने की ओर अमेरिका अग्रसर हुआ। अतः फ्रेंकलिन रूजवेल्ट की न्यू डील सफल साबित हुई।